Top 5 smartwatches for Indian youngsters

Top 5 smartwatches for Indian youngsters


आज कल का दौर है, Smartness का जहां हर बात पे ज़ोर दिया जाता है। Smart होने का जैसे Smart Phone, Smart TV, Smart सड़कें Smart शहर और न जाने क्या क्या ? Smart आज कल हर कोई ये चाहता है की, उसके पास जो समान हो वो एक साथ कई सारे काम कर सके। मतलब एक चीज़ के कई सारे इस्तेमाल हों  तो जब इतनी सारी चीज़ें Smart हो रहीं हैं, तो हमारी घड़ियाँ क्यों पीछे रहें ? अब ज़माना आ गया है, Smart Watch का ये Smart Watches न सिर्फ आपकी Style में चारचाँद लगतीं हैं। साथ ही ये रखती हैं आपके Health का भी ख़्याल। अब एक Smart सवाल ये है की, कौन सी Smart Watch आपके लिए अच्छी है ? तो आज हम लाएँ हैं, ऐसी 5 Smart Watches की जानकारी जो आपको मदद करेगी आपकी Smart Choice चुनने में।

 

 

Fitbit Versa -2

 

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Fitbit Versa -2  है एक Eceptional health and fitness watch जो ना सिर्फ आपके Style को Upgrade करेगी बल्कि ये रखेगी आपके Health का भी ख़्याल एक सच्चे दोस्त के जैसा, इस में Amazone की Elexa Bulit in है, जो आपको देती है एक अलग अंदाज़ एक बटन के सहारे आप अपनी आवाज़ से इसको Voice Command दे सकते हैं। जिससे आप Alarm Set कर सकते हैं, Remainder set कर सकते हैं, और अगर आप चाहते हैं तो ये देगी आपके शहर के मौसम की भी पूरी जानकारी।

            इसका Amoled Display System देता है, इसको एक ज़बरदस्त Killer look अगर आप चाहें तो इसका Display रहता है। हमेशा On Mode में जिसकी वजह से आप तेज़ रौशनी या धूप में भी आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। और आगर आप चाहें तो ये Sleep Mode पर भी आसानी से चली जाती है, इसकी Premium Accessories आपको दीवाना बना देगी। आप अपने Mood या Occasion  के हिसाब से उनको इस्तेमाल कर सकते हैं।

            ये तो हुई इसकी एक ख़ासियत दूसरी जो ख़ासियत है, इसमें वो ये है की ये रखती है, आपके Health पर कड़ी नज़र। ये 24 घंटे और सातों दिन आपके Heart Rate पर नज़र रखती है, इसके 15 Exercise Modes आपके Calories के Burn होने की सटीक जानकारी देते हैं, आप ने कितने घंटे की  नींद ले ये का भी लेखा जोखा आपको इससे मिल जाता है, जिससे आपको मदद मिलती है Track करने में अपने Fitness Goal को Set और Achieve करने में।  

            इसमें आप अपने Phone के सारे Notification देख सकते हैं, एक बार Full Charge करने के बाद आपको 5 दिन इसको चार्ज करने को ज़रूरत नहीं पड़ती।

 

Xiaomi MI Revolve

 

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Smart Phone बनाने वाली जाने मानी Company Xiaomi ने बनाया है, एक बेहतरीन Smart Watch Xiaomi MI Revolve ये दो रंगों में आती है। Chrome Silver  और Midnight Black इसकी Body बनी है 46 mm Stainless Steel Frame से। जो इसको देता है एक ज़बरदस्त  मजबूती साथ ही, इसमें जो Glass इस्तेमाल किया गया है वो है Corning Gorilla Glass-3 जिसमें की गई है Anti-Scratch Coating, 1.39 Amoled full touch screen के साथ आपको मिलता है। Always On Colour Display जिसकी Resolution है 454 x 454, इसके Face Display में आपको मिलेंगे 110 Option आपके आपने Mood के हिसाब से आप इसके बादल सकते हैं। ये 5 ATM तक का Water Resistance झेल सकती है, एक बार Full Charge करने के बाद आप इसको 14 दिनो तक इस्तेमाल कर सकते हैं, इसमें आपको मिलेगा 10 Professional Sports Mode.

            साथ ही आपको इसमें मिलेगा Heart Rate Variability Tracking,VO 2 Max, Body Energy Measurement, Stress Management, Sleep Analysis और ये आपको देगी आपके Phone के सारे  Notification आप इससे Music Control भी कर सकते हैं, अपने Phone पर आने जाने वाले Calls को भी आप Manage कर सकते हैं, मौसम की जानकारी हो या Alarm सेट करना सब आसानी से किया जा सकता है। इसके साथ अगर जल्दी बाज़ी में आप अपना Phone कहीं भूल जाएँ, तो ये आपके फोन को ढूँढने में आपकी मदद करेगी अपने Phone Locator के सहारे।

 

Oppo Watches

 

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ये भी एक Smart Phone बनाने वाली Compnay है, इसने भी एक शानदार Smart Watch बनाया है। काले रंग की ये Smart Watch देखते ही आपका दिल चुरा लेगी। ये आती है  Amoled Flexible Curved Display के साथ जिसमें है 402 x 476 Pixel Resolution इसका Screen 1.91 inch का full touch screen है, इसका Aluminium Dial Fluoro Rubber Strep Moisture Resistance देता है इसको एक कातिलाना अंदाज़।

            इसमें लगी है 430 mAh Battery इसको एक बार full charge करने के बाद आप इसका इस्तेमाल 21 दिनों तक कर सकते हैं, इसकी VOOC Flash Charging Technology से आप इसको 46 % तक मात्र 15 मिनिट्स में और 100% मात्र 75 मिनिट्स मे चार्ज कर सकते हैं। इसमें Ambiq Micro Apollo 3 Wireless SoC Processor लगा हुआ है, इसके Face Display को आप अपने हिसाब से बादल सकते है।

            इससे आप अपने Work Out को भी Control कर सकते हैं, ये 24 घंटे आपके Heart Rate को Monitor करता है। इसमें भी आप अपने फोन के सारे Notification कंट्रोल कर सकते हैं, Google Assistance का भी इसमें इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

 

Apple Watch Series -6

 

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कौन होगा जो नहीं चाहता की, उसके पास Apple Iphone  का कोई Product न हो। इस चाहत को Apple ने कुछ और बढ़ा दिया है, अपनी Watch Series – 6 को Launch करके ये ना सिर्फ आपके लिए एक Style Statement है बल्कि ये है एक Complete Health और Style Gear ये आपके Blood के Oxygen तक का ख़्याल रखती है। आपके Heart Rate पर भी अपनी कड़ी नज़र रखती है, आपके Daily Workout का लेखा जोखा रखती है। इससे आप Phone Calls को भी Manage कर सकते है, Message भेज सकते हैं, Music का मज़ा ले सकते हैं, वो भी बिना phone के भी। ये आपके Sleep Goals का भी हिसाब रखती है, बस अब Apple के बारे में और क्या कहा जा सकता है Apple तो बस Apple ही है।

 

Samsung Galaxy Watch 3

 

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Samsung के क्या कहने सिर्फ नाम ही काफी हो सकता है कई बार भरोसे के लिए, Samsung ने बनाया है Samsung Galaxy Watch 3 ये तीन ज़बरदस्त रंगों में आती है, Mystic Black, Mystic Silver और Mystic Bronze इसका Circular Super Amoled Display और 360 x 360 का Resolution बनाता है। इसको इस लिस्ट में सबसे बेहतरीन Smart Watch इसमें लगी हुई है, 1.27 Watt Hour Lithium ion Battery ये आपको मदद करती है। आपकी Fitness Tracking में Running from analysis Indore coaching program में साथ ही रखती है, आपके Sleeping Behaviour का Track आपके Oxygen capacity को monitor करती है,  इससे आप messages भेज सकते हैं। और उनको पढ़ सकते हैं आप इसकी मदद से Music का आनंद भी ले सकते हैं। कुल मिला कर ये आपके साथ आपका एक सच्चा साथी है।


आप अगर चाहें तो इस Article को youtube पर भी देख सकते हैं 


अगर आप इनमे से कोई एक Smartwatch ख़रीदना चाहते हैं तो आप नीचे दिये हुए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं

  1. Fitbit versa 2  https://amzn.to/32oB1gN
  2. Xiaomi MI Resolve https://amzn.to/2JAVsk3
  3. Oppo Watches https://amzn.to/3mZk6cE
  4. Apple Watch Series – 6 https://amzn.to/38yjiHV
  5. Samsung Galaxy Watch 3   https://amzn.to/38yjIxZ


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 मुनव्वर राना


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ये ज़रूरी नहीं है की, आप मुनव्वर राना को जानते हैं की नहीं मगर ये बात यकीनन तय है की, आप मुनव्वर राना की लिखी ग़ज़लों या शेरों को ज़रूर जानते होंगे। ये दलील है इस बात की की वो शायर बहुत अच्छे हैं, जहां
 लोग तरह तरह की ग़ज़लें लिखते रहे, उन ग़ज़लों की केंद्र बिन्दु में कभी उनकी महबूबा थी कभी चंद सितारे कभी दर्द कभी खुशी कभी मिलन कभी जुदाई मगर मुनव्वर राना की पहचान ये है की, उन्होने अपनी ग़ज़ल में अपनी माँ को जगह दी। आइये आज बात करते हैं कौन हैं मुनव्वर राना और कैसी है उनकी ज़िंदगी ?

 मुनव्वर राना की शुरुवाती ज़िंदगी 


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मुनव्वर राना का जन्म 26 नवम्बर 1952 के दिन उत्तरप्रदेश के रायबरेली ज़िले में हुआ, उनके वालिद (पिता) के नाम की जानकारी मुझे नहीं मिली मगर उनकी वालिदा का नाम आयशा खातून है। ये आयशा ख़ातून यानि मुनव्वर राना की माँ हैं, जिनसे वो बेइंतेहा प्यार करते हैं। जो आपको उनकी शायरी में साफ नज़र आएगा।

मुनव्वर राना की पैदाइश हुई तो उत्तरप्रदेश के रायबरेली में, मगर उनकी ज़िंदगी का काफी हिस्सा बिता कोलकाता में वही उन्होने अपनी पढ़ाई लिखाई की, और फिर उनकी शादी हो गई। जिसके बाद वो लखनऊ आ बसे अब वो अपने पूरे परिवार के साथ लखनऊ में ही रहते हैं। शायरी का शौक उनको बचपने से था, मगर रोज़ी रोटी के लिए उन्होने Transport के काम को चुना शायद के ये उनका खानदानी काम था।


 मुनव्वर राना और उनकी शायरी


मुनव्वर राना को उनकी शायरी के लिए देश विदेश में जाना पहचाना जाता है वो मुशायरों की जान हैं जहां भी आपको हिन्दी उर्दू बोलने समझने वाले लोग मिलेंगे वहाँ मुनव्वर राना को ज़रूर पहचाना जाता है उनके उर्दू साहित्य के दिये गए योगदान के लिए उनको कई सारे सम्मान और पुरस्कार दिये हैं उनमें से ये हैं उनके सम्मान और पुरस्कारों की सूची

 

  • रईस अमरोहवी पुरस्कार 1993, रायबरेली
  • दिलकुश पुरस्कार 1995
  • सलीम जाफरी पुरस्कार 1997
  • सरस्वती सम्मान पुरस्कार 2004
  • मीर ताकी मीर पुरस्कार 2005
  • ग़ालिब पुरस्कार 2005, उदयपुर
  • डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार 2005, नई दिल्ली
  • शहूद आलम अफकुफी पुरस्कार, 2005 कोलकाता
  • 2006 में उन्हें इटावा में अमीर खुसरो पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • कविता का कबीर सम्मान उपाधि 2006, इन्दोर
  • मौलाना अब्दुल रज्जाक मलीहाबादी पुरस्कार 2011 (पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी)
  • 2012 के परंपरा कविता पर्व में उन्हें विशिष्ट ऋतुराज सम्मान पुरस्कारभी मिल चूका है।
  • कबीर पुरस्कार
  • भारती परिषद पुरस्कार, अलाहाबाद
  • बज्मे सुखन पुरस्कार, भुसावल
  • अलाहाबाद प्रेस क्लब पुरस्कार, प्रयाग
  • सरस्वती समाज पुरस्कार
  • अदब पुरस्कार
  • मीर पुरस्कार
  • हजरत अल्मास शाह पुरस्कार
  • हुमायु कबीर पुरस्कार, कोलकाता
  • मौलाना अबुल हसन नदवी पुरस्कार
  • उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार


मुनव्वर राना की कुछ मशहूर ग़ज़लें 


 

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

 

 

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई

 

यहाँ से जाने वाला लौट कर कोई नहीं आया

मैं रोता रह गया लेकिन न वापस जा के माँ आई

 

अधूरे रास्ते से लौटना अच्छा नहीं होता

बुलाने के लिए दुनिया भी आई तो कहाँ आई

 

किसी को गाँव से परदेस ले जाएगी फिर शायद

उड़ाती रेल-गाड़ी ढेर सारा फिर धुआँ आई

 

मिरे बच्चों में सारी आदतें मौजूद हैं मेरी

तो फिर इन बद-नसीबों को न क्यूँ उर्दू ज़बाँ आई

 

क़फ़स में मौसमों का कोई अंदाज़ा नहीं होता

ख़ुदा जाने बहार आई चमन में या ख़िज़ाँ आई

 

घरौंदे तो घरौंदे हैं चटानें टूट जाती हैं

उड़ाने के लिए आँधी अगर नाम-ओ-निशाँ आई

 

कभी ऐ ख़ुश-नसीबी मेरे घर का रुख़ भी कर लेती

इधर पहुँची उधर पहुँची यहाँ आई वहाँ आई

 

 

 

भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है

 

 

 भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है

मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है

 

अगर सोने के पिंजड़े में भी रहता है तो क़ैदी है

परिंदा तो वही होता है जो आज़ाद रहता है

 

चमन में घूमने फिरने के कुछ आदाब होते हैं

उधर हरगिज़ नहीं जाना उधर सय्याद रहता है

 

लिपट जाती है सारे रास्तों की याद बचपन में

जिधर से भी गुज़रता हूँ मैं रस्ता याद रहता है

 

हमें भी अपने अच्छे दिन अभी तक याद हैं 'राना'

हर इक इंसान को अपना ज़माना याद रहता है

 

 

मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता

 

 

 

मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता

अब इस से ज़ियादा मैं तिरा हो नहीं सकता

 

दहलीज़ पे रख दी हैं किसी शख़्स ने आँखें

रौशन कभी इतना तो दिया हो नहीं सकता

 

बस तू मिरी आवाज़ से आवाज़ मिला दे

फिर देख कि इस शहर में क्या हो नहीं सकता

 

ऐ मौत मुझे तू ने मुसीबत से निकाला

सय्याद समझता था रिहा हो नहीं सकता

 

इस ख़ाक-ए-बदन को कभी पहुँचा दे वहाँ भी

क्या इतना करम बाद-ए-सबा हो नहीं सकता

 

पेशानी को सज्दे भी अता कर मिरे मौला

आँखों से तो ये क़र्ज़ अदा हो नहीं सकता

 

दरबार में जाना मिरा दुश्वार बहुत है

जो शख़्स क़लंदर हो गदा हो नहीं सकता

 

 

 मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

 

 

 मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

माँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी

 

मौत का आना तो तय है मौत आएगी मगर

आप के आने से थोड़ी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

 

इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप

शहर वालों से हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी

 

आप के हँसने से ख़तरा और भी बढ़ जाएगा

इस तरह तो और आँखों की नमी बढ़ जाएगी

 

बेवफ़ाई खेल का हिस्सा है जाने दे इसे

तज़्किरा उस से न कर शर्मिंदगी बढ़ जाएगी

 

 

 दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुई

 

दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुई

तस्वीर तेरे घर में थी मेरी लगी हुई

 

इन बद-नसीब आँखों ने देखी है बार बार

दीवार में ग़रीब की ख़्वाहिश चुनी हुई

 

ताज़ा ग़ज़ल ज़रूरी है महफ़िल के वास्ते

सुनता नहीं है कोई दोबारा सुनी हुई

 

मुद्दत से कोई दूसरा रहता है हम नहीं

दरवाज़े पर हमारी है तख़्ती लगी हुई

 

जब तक है डोर हाथ में तब तक का खेल है

देखी तो होंगी तुम ने पतंगें कटी हुई

 

जिस की जुदाई ने मुझे शाइर बना दिया

पढ़ता हूँ मैं ग़ज़ल भी उसी की लिखी हुई

 

लगता है जैसे घर में नहीं हूँ मैं क़ैद हूँ

मिलती हैं रोटियाँ भी जहाँ पर गिनी हुई

 

साँसों के आने जाने पे चलता है कारोबार

छूता नहीं है कोई भी हाँडी जली हुई

 

ये ज़ख़्म का निशान है जाएगा देर से

छुटती नहीं है जल्दी से मेहंदी लगी हुई

 

 

 

थकन को ओढ़ के बिस्तर में जा के लेट गए

 

 

 

थकन को ओढ़ के बिस्तर में जा के लेट गए

हम अपनी क़ब्र-ए-मुक़र्रर में जा के लेट गए

 

तमाम उम्र हम इक दूसरे से लड़ते रहे

मगर मरे तो बराबर में जा के लेट गए

 

हमारी तिश्ना-नसीबी का हाल मत पूछो

वो प्यास थी कि समुंदर में जा के लेट गए

 

न जाने कैसी थकन थी कभी नहीं उतरी

चले जो घर से तो दफ़्तर में जा के लेट गए

 

ये बेवक़ूफ़ उन्हें मौत से डराते हैं

जो ख़ुद ही साया-ए-ख़ंजर में जा के लेट गए

 

तमाम उम्र जो निकले न थे हवेली से

वो एक गुम्बद-ए-बे-दर में जा के लेट गए

 

सजाए फिरते थे झूटी अना जो चेहरों पर

वो लोग क़स्र-ए-सिकंदर में जा के लेट गए

 

सज़ा हमारी भी काटी है बाल-बच्चों ने

कि हम उदास हुए घर में जा के लेट गए

 

 

हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है

 

 

 

हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है

इन कटोरों में अभी थोड़ा सा पानी और है

 

मज़हबी मज़दूर सब बैठे हैं इन को काम दो

एक इमारत शहर में काफ़ी पुरानी और है

 

ख़ामुशी कब चीख़ बन जाए किसे मालूम है

ज़ुल्म कर लो जब तलक ये बे-ज़बानी और है

 

ख़ुश्क पत्ते आँख में चुभते हैं काँटों की तरह

दश्त में फिरना अलग है बाग़बानी और है

 

फिर वही उक्ताहटें होंगी बदन चौपाल में

उम्र के क़िस्से में थोड़ी सी जवानी और है

 

बस इसी एहसास की शिद्दत ने बूढ़ा कर दिया

टूटे-फूटे घर में इक लड़की सियानी और है

 

 

 

हम कुछ ऐसे तिरे दीदार में खो जाते हैं

 

 

 

हम कुछ ऐसे तिरे दीदार में खो जाते हैं

जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं

 

मुस्तक़िल जूझना यादों से बहुत मुश्किल है

रफ़्ता रफ़्ता सभी घर-बार में खो जाते हैं

 

इतना साँसों की रिफ़ाक़त पे भरोसा न करो

सब के सब मिट्टी के अम्बार में खो जाते हैं

 

मेरी ख़ुद्दारी ने एहसान किया है मुझ पर

वर्ना जो जाते हैं दरबार में खो जाते हैं

 

ढूँढने रोज़ निकलते हैं मसाइल हम को

रोज़ हम सुर्ख़ी-ए-अख़बार में खो जाते हैं

 

क्या क़यामत है कि सहराओं के रहने वाले

अपने घर के दर-ओ-दीवार में खो जाते हैं

 

कौन फिर ऐसे में तन्क़ीद करेगा तुझ पर

सब तिरे जुब्बा-ओ-दस्तार में खो जाते हैं

 

 

मुझ को गहराई में मिट्टी की उतर जाना है

 

 

मुझ को गहराई में मिट्टी की उतर जाना है

ज़िंदगी बाँध ले सामान-ए-सफ़र जाना है

 

घर की दहलीज़ पे रौशन हैं वो बुझती आँखें

मुझ को मत रोक मुझे लौट के घर जाना है

 

मैं वो मेले में भटकता हुआ इक बच्चा हूँ

जिस के माँ बाप को रोते हुए मर जाना है

 

ज़िंदगी ताश के पत्तों की तरह है मेरी

और पत्तों को बहर-हाल बिखर जाना है

 

एक बे-नाम से रिश्ते की तमन्ना ले कर

इस कबूतर को किसी छत पे उतर जाना है

 

 

चले मक़्तल की जानिब और छाती खोल दी हम ने

 

 

चले मक़्तल की जानिब और छाती खोल दी हम ने

बढ़ाने पर पतंग आए तो चर्ख़ी खोल दी हम ने

 

पड़ा रहने दो अपने बोरिए पर हम फ़क़ीरों को

फटी रह जाएँगी आँखें जो मुट्ठी खोल दी हम ने

 

कहाँ तक बोझ बैसाखी का सारी ज़िंदगी ढोते

उतरते ही कुएँ में आज रस्सी खोल दी हम ने

 

फ़रिश्तो तुम कहाँ तक नामा-ए-आमाल देखोगे

चलो ये नेकियाँ गिन लो कि गठरी खोल दी हम ने

 

तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता

तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने

 

पुराने हो चले थे ज़ख़्म सारे आरज़ूओं के

कहो चारागरों से आज पट्टी खोल दी हम ने

 

तुम्हारे दुख उठाए इस लिए फिरते हैं मुद्दत से

तुम्हारे नाम आई थी जो चिट्ठी खोल दी हम ने

 

 

 

घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं

 

 

घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं

लड़कियाँ धान के पौदों की तरह होती हैं

 

उड़ के इक रोज़ बहुत दूर चली जाती हैं

घर की शाख़ों पे ये चिड़ियों की तरह होती हैं

 

सहमी सहमी हुई रहती हैं मकान-ए-दिल में

आरज़ूएँ भी ग़रीबों की तरह होती हैं

 

टूट कर ये भी बिखर जाती हैं इक लम्हे में

कुछ उमीदें भी घरोंदों की तरह होती हैं

 

आप को देख के जिस वक़्त पलटती है नज़र

मेरी आँखें मिरी आँखों की तरह होती हैं

 

 

 

ये दरवेशों की बस्ती है यहाँ ऐसा नहीं होगा

 

 

 

ये दरवेशों की बस्ती है यहाँ ऐसा नहीं होगा

लिबास-ए-ज़िंदगी फट जाएगा मैला नहीं होगा

 

शेयर-बाज़ार में क़ीमत उछलती गिरती रहती है

मगर ये ख़ून-ए-मुफ़्लिस है कभी महँगा नहीं होगा

 

तिरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में

हमारा घर तिरे घर से कभी ऊँचा नहीं होगा

 

हमारी दोस्ती के बीच ख़ुद-ग़र्ज़ी भी शामिल है

ये बे-मौसम का फल है ये बहुत मीठा नहीं होगा

 

पुराने शहर के लोगों में इक रस्म-ए-मुरव्वत है

हमारे पास आ जाओ कभी धोका नहीं होगा

 

ये ऐसी चोट है जिस को हमेशा दुखते रहना है

ये ऐसा ज़ख़्म है जो उम्र भर अच्छा नहीं होगा 




आपको मुनव्वर राना पर ये Article कैसी लगी ज़रूर बतायें Comment Box में। शुक्रिया !!

 

Top 5 smartwatches for Indian youngsters

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