World UFO day kab manaya jata hai


World UFO day kab manaya jata hai 


world-ufo-day-kab-manaya-jata-hai


UFO का full form होता है,  Unidentified Flying Object.  हिन्दी में अगर इसको समझना या किसी को समझाना हो तो आप इसको उड़न तश्तरी कह सकते हैं, बहुत से लोगों को इस बात का यकीन नहीं होगा की, इनका अस्तित्व होता भी है. वहीं बहुत से लोग इसके होने का यकीन भी करते हैं. और उनका ये दावा भी है की उन्होने अपने पूरे होशो हवास में उड़न तश्तरी यानि UFO देखा है, तो उन्हीं कुछ लोगों के सम्मान में 2 जुलाई के दिन World UFO Day मनाया जाता है. अगर 2 जुलाई के दिन आपको लोग महंगे महंगे अपनी सहूलियत के हिसाब से दूरबीन लिए आसमान की परतों में खोए हुए नज़र आयें तो हैरान होने की कोई ज़रूरत नहीं है.


UFO का इतिहास History of UFO 


world-ufo-day-kab-manaya-jata-hai


कहा जाता है की, सबसे पहले जर्मनी के नुरेमबर्ग शहर के एक हिस्से में सन 1516 में अजीब अजीब आकृति के बहुत बड़े ढांचे को देखा गया. जो अपनी इस धरती की नहीं थी, अलग अलग लोगों ने वहाँ अलग अलग आकृति देखने का दावा किया था.

फिर अमेरिका में बड़े पैमाने पर  Unidentified Flying Object  (UFO) देखा गया था, देखने वालों ने अपने बयान में बाते की आसमान से कुछ अजीब सी उड़न तश्तरी जैसी कोई चीज़ इधर उधर घूमती हुई धरती के पास चली आई थी. ऐसा किसी एक व्यक्ति ने नहीं बताया तो इसकी बारे में अधिक जानकारी और इसको समझने के लिए 2 जुलाई के दिन World UFO Day मनाया जाने लगा.

वहीं कुछ लोगों का ये दावा है की अमेरिका के टेक्सक्स में एक बड़ी सिगार जैसी कोई चीज़ तेज़ी से आसमान से ज़मीन की ओर बढ़ती हुई चली आई और जाकर वहाँ खेतों में लगे Windmill से टकरा कर नष्ट हो गई. लोग उसके पास जब पहुंचे तो उसमें कुछ Alien के शव को लोगों ने देखा, और उसके शव को किसी अंजान जगह पर दफना दिया गया, इस घटना का ज़िक्र टेक्सस हिस्टोरिकल कमिशन ने ऐसे किया था की, 1897 में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

अमेरिका में फिर 1947 में देखे गए UFO


अमेरिका के एक शहर रोसवेल में एक शक्स को किसी विमान जैसी कोई चीज़ मिली जोकि किसी दुर्घटना का शिकार लग रही थी, उसका दावा था की जब उसने पास जाकर देखा तो ये विमाननुमा चीज़ इस दुनियाँ की नहीं लग रही थी. वो बिलकुल अलग थी उसका ये भी कहना था की, उसने उस अजीब सी चीज़ के इर्द गिर्द कुछ अजीब से दिखने वाले प्राणियों की लाशें भी देखी थीं. जिसको उसने Alien एलियन होना का दावा किया था, मगर  1994 में एअर फोर्स नें ये कहा की, ये कोई UFO नहीं था जिसके उस व्यक्ति ने देखा था वो मलबा एक Surveillance Balloons का था. जो उसने वादा किया था Aliens की लाश होने का वो उसमें रखे हुए Dummy थे, मगर लोगों को इस Report पर भरोसा नहीं हुआ उनका कहना था की, सरकार Aliens के होने की बात छुपना चाहती है, इसलिए उसने ऐसी झूठी बात कही.
अमेरिका में ही 24 जून 1947 के दिन एक घटना हुई एक Private विमान का Pilot आपने नियमित उड़ान पर था, तभी Mount Rainier के आसपास उसने आसमान में अजीब सी चीज़ उड़ती हुई देखी न तो वो कोई पक्षी था न ही कोई ऐसी चीज़ थी, जिसे इन्सानों ने बनाया हो. वो उसे देखकर चकित रह गया उसने जब ये बयान Media को दिया तो उस वक़्त हर जगह इसी बात के चर्चे होने लगे पहली बार दुनियाँ में UFO और Alien जैसी चीज़ की बातें होने लगीं.

भारत में सन 1951 में पहली बार देखा गया UFO (UFO in India)


15 मार्च सन 1951 की सुबह एक Flying Club के 2 सदस्यों ने ये दावा किया की, उन्होने आसमान ने लगभग 100 फिट लंबाई की सिगार जैसी आकृति वाली कोई चीज़ उड़ती हुई देखी है. और वो उनके सामने से कुछ देर में गायब भी हो गई.

वाशिंगटन डी.सी.


ये वो पहली घटना थी जो ज़रा सी वैज्ञानिक पुष्टि करती है UFO की, बात है सन 1952 की जब वाशिंगटन के एअर पोर्ट और एंड्रयू एयर फोर्स बेस के रडार सिस्टम पर पहली बार कुछ ऐसी चीज़ के होने का आभास हुआ था.  लोगों के बीच ये काफी चर्चा का विषय बनी थी उस वक़्त। इस को देखते हुए, वहाँ Project Blue Book लॉंच किया गया जिससे भविष्य मे आसमान की तरफ से पेश आने वाले खतरों को समझा जाए, और उनसे बचाने के तरीके भी ढूंढें जाए।

शिकागो


नवंबर के सर्द महीने में सन 2006 को शिकागो के इंटरनेशनल एअरपोर्ट के ऊपर एक अंजान सी चीज़ दिखाई दी, कई लोगों ने उस अजान से चीज़ को हवा में मँडराते हुए देखा। वहाँ के अधिकारियों को इस बात की सूचना भी दी मगर अधिकारियों ने इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस बात से लोगों में संशय और डर का माहौल बन गया था.

टैक्सस


सन 2008 की जनवरी की एक खुली खुली सुबह आसमान बिलकुल साफ था, एक खुले मैदान से सैकड़ों लोगों ने आसमान में एक चमकती हुई अजीब सी चीज़ को देखा। सब के सब हैरान आसमान की तरफ देखते रह गए, वहीं पास एक एअर बेस भी था। लोगों ने समझा कोई नया Aircraft हो शायद लेकिन उस वक़्त उस एअर बेस में कोई भी नया या पुराना किसी किस्म का कोई Aircraft नहीं था.
   

कोलकाता


अक्तूबर का महिना था साल था 2008, पूर्वी कोलकाता के आसमान पर बहुत सुबह करीब 3 बजे से 6 बजे तक लोगों को एक अजीब सी चीज़ तेज़ी से आसमान में मंडराती हुई दिखाई दी। एक व्यक्ति ने इसे अपने घर से हैंड़ीकैम से फिल्माया भी लिया, लोगों में ये बात आग की तरह फ़ेल गई, वो UFO की एक झलक पाने के लिए एक चौराहे पर इक्कठा हो गए।


येरूशेलम


साल 2011 के जनवरी में लोगों ने देखा की आसमान पर Dome of Rock के ऊपर एक चमकीली सी अजीब चीज़ मंदरी और फिर आसमान की ओर ऊपर चली गई तेज़ी से.

 लद्दाख और चेन्नई


20 जून की रात थी साल था 2013, लोग अपने सामान्य कामों में लगे हुए थे की, तभी आसमान मे दक्षिण दिशा से उत्तर की तरफ कोई चमकीली सी चीज़ तेज़ी से गुजरती हुई नज़र आई, दूसरे दिन वहाँ के अखबारों में ये Main Page की खबर बनी थी। वैसे ही 4 अगस्त को लद्दाख में भारतीय सेना के जवानो ने अपनी Duty के दौरान आसमान में अज्ञात सी एक चीज़ देखी, जो बहुत तेज़ी से गुज़र गई उनके ऊपर से, ऐसा बाद में बताया गया सेना के जवानो की तरफ से की अरुणाचल प्रदेश के आसमान पर लगभग 100 बार ऐसी गतिविधियां देखी गई थी।


world-ufo-day-kab-manaya-jata-hai



इन सब बातों को अगर ध्यान से देखा जाए तो समझा जा सकता है की, ज़्यादातर ऐसी अनोखी गतिविधियां अमेरिका के आसमान में ही देखी गयी है। मगर हर बार UFO और Alien के अस्तित्व को नकारा गया है, वजह चाहे जो भी हो मगर लोगों की दिलचासपी हमेशा से UFO और Alien में बनी हुई है। और इस विषय में वैज्ञानिक अपने Research में भी लगे हुए हैं।





             

Charted Accountant day kab manaya jata hai


चार्टेड अकाउंटेंट दिवस Charted Accountant Day 


shakeeliyaat.blogspot.com202006charted-accountant-day-kab-manaya-jata


हर साल 1 जुलाई के दिन चार्टेड अकाउंटेंट दिवस Charted Accountant Day मनाया जाता है, इसके पीछे वजह ये है की, 1 जुलाई 1949 के दिन Institute of Charted Accounts of India की स्थापना की गई थी. ICAI की संसद में पास एक Act  के तहत स्थापना की गई थी.
            हर साल चार्टेड अकाउंटेंट के सम्मान में 1 जुलाई के दिन चार्टेड अकाउंटेंट दिवस Charted Accountant Day मनाया जाता है, चार्टेड अकाउंटेंट को  एक बहुत ही महत्वपूर्ण पेशे के रूप में देखा जाता है. लगभग हर वित्तीय क्रियाकलापों में इनकी ज़रूरत पड़ती है. ICAI एक National Accounting Body है American Institute of Public Accountants के बाद ICAI दुनियाँ की दूसरी सबसे बड़ी Accounting Body है. ICAI के महत्व को समझते हुए ही भारत सरकार ने 1 जुलाई से GST लागू किया था.

चार्टर अकाउंटेंट Charter Accountant

shakeeliyaat.blogspot.com202006charted-accountant-day-kab-manaya-jata


चार्टर अकाउंटेंट एक बहुत्त ही प्रतिष्ठित पेशा माना जाता है, अगर आप एक चार्टर अकाउंटेंट है तो आपके पास एक सुनेहारा भविष्य है। आपको कहीं भी एक अच्छी ख़ासी नौकरी मिल सकती है, मगर चार्टर अकाउंटेंट बनाना इतना आसान काम नहीं है। इसके लिए चाहिए कठोर परिश्रम चार्टर अकाउंटेंट बनने के लिए आपको तीन परीक्षाएँ पास करनी पड़ती है, पहली CPT ये entrance exam होता है, इसके बाद दूसरी IPCC और Final CA Exam.       

 Common Proficiency Test (CPT)


अगर आप CA के तौर पर काम करना चाहते हैं तो, आपको सबसे पहले  Common Proficiency Test (CPT) को पास करना होगा। उसके बाद ही आप परीक्षा के दूसरे चरण में जाने के काबिल समझे जाते हैं, इस परीक्षा में मुख्यतः Accounting, Mercantile law, General Economics और Quantitative Aptitude विषय होते हैं.

इटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंस कोर्स (IPCC)


वैसे तो परीक्षा का हर चरण महत्वपूर्ण होता है, मगर  इटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंस कोर्स (IPCC) दूसरा और बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है। इसमें Accounting, Business & Company Law, Ethics and Communication, Cast Accounting, Taxation, Advance Accounting, IT and Strategic Management Financial Management जैसे विषयों को शामिल किया जाता है. CPT और IPCC के बीच विद्यार्थी को 9 महीने का समय मिलता है तैयारी करने के लिए। अगर आपने IPCC का Exam पास कर लिया फिर आपको किसी CA के पास Internship करना होता है, CA की मुख्य परीक्षा से पहले उम्मीदवार को तीन साल तक Internship करना होता है किसी CA के पास.


क्या हैं आपके पास अवसर

shakeeliyaat.blogspot.com202006charted-accountant-day-kab-manaya-jata


अगर आप एक चार्टर अकाउंटेंट Charter Accountant बन गए तो आप देश-विदेश की कंपनियों में फाइनेंस अकाउंट एवं टैक्स डिपार्टमेंट में फाइनेंस मैनेजर, अकाउंट मैनेजर, फाइनेंशियल बिजनेस एनालिस्ट, ऑडिटिंगइंटरनल ऑडिटिंग, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ, फाइनेंस डायरेक्टर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, चीफ इंटरनल ऑडिटर जैसी पोजिशन पर काम कर सकते हैं.


Doctor's Day kab manaya jata hai | National Doctor's Day| Dr. Bipin Chandra Roy| National Doctors day in India


National Doctors Day

national-doctors-day-dr-bipin-chandra-national-doctors-day-in-india

ऐसा माना जाता है की, ऊपर भगवान है तो नीचे Doctor ऐसा इस लिए कहा जाता है। क्योंकि भगवान एक बार जन्म देते हैं, और Doctor ज़िंदगी में न जाने कितनी बार हमारी जान बचाते हैं, इस लिए उन्हे कुछ लोग जीवन रक्षक तो कुछ लोग जीवन दाता कहते हैं. वैसे तो किसी एक दिन  Doctors का सम्मान करके हम उनके द्वारा किए गए कार्यों का बदला नहीं चुका सकते। मगर फिर भी एक दिन चुना गया है, उनके त्याग और समर्पण को नमन करने के लिए और वो दिन है, 1 जुलाई का 1 जुलाई के दिन हम भारत में राष्ट्रिय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) मनाते हैं.


डॉ बिपिन चन्द्र राय  Dr. Bipin Chandra Ray


national-doctors-day-dr-bipin-chandra-national-doctors-day-in-india



1 जुलाई को भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं राजनीतिज्ञ डॉ बिपिन चन्द्र राय का जन्म दिन और पुण्यतिथि होती है,  उनके प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) मनाया जाता है. 1 जुलाई सन 1882 के दिन भारत के बिहार राज्य के पटना के खजांची रोड बाँकीपुर में डॉ बिपिन चन्द्र राय जी का जन्म हुआ, जहां उनका जन्म हुआ था. उस घर को अब एक School के तौर पर विकसित कर दिया गया है, वहाँ आज अघोर प्रकाश शिशु सदन नाम से एक School संचालित है. उनके पिता जी का नाम प्रकाश चन्द्र राय था, वो पटना में Deputy Magistrate के पद पर थे नौकरी अच्छी थी, वेतन भी उस जमाने में अच्छा मिलता था उनको मगर वो अपने वेतन का आधिकांश हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों मे बाँट दिया करते थे, वो बहुत दयालु और धार्मिक व्यक्तित्व के थे. अपने इस व्यक्तिवत्व के वजह से उन्होने कभी पैसे को एहमियत नहीं दी. और अंततः उनके पास कुछ नहीं बचा इसका प्रभाव बिपिन चन्द्र के बचपने पर पड़ा उन्हे अपनी शुरुवाती ज़िंदगी में पैसों की कमी का सामना करना पड़ा, जैसे- तैसे उन्होने अपनी बी.ए तक की पढ़ाई पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए वो कलकत्ता चले गए वहाँ जा कर उन्होने  M.D की परीक्षा दी और सफल हुए, वो बहुत ही मेहनती और होनहार छात्र थे घर के हालात ठीक नहीं होने की वजह से उन्हे पढ़ी के लिए पैसों का इंतजाम खुद करना होता था, जिसके लिए वो एक Hospital मे Nurse का काम भी करते थे Part Time और साथ ही साथ उन्हे छत्रवित्ति भी मिला करती थी आप उनकी हालत का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं की, उन्होने कलकत्ता मे पाँच साल रह कर पढ़ाई की और इस दरमायान उन्होने मात्र 5 रुपए की किताब ही खरीदी थी, पढ़ने के लिए इन सब परेशानियों के बाद भी उनके हौसलों मे कमी नहीं आई उन्होने  एल.एम.पी. के बाद एम.डी. परीक्षा दो वर्षों के कम समय में ही पास कर ली फिर आगे की पढ़ाई के लिए वो इंग्लैंड चले गए, उस वक़्त बंगाल मे काफी विरोध हो रहा था, अंगेजी हुकूमत का जिसके चलते उन्हे वहाँ दाखिला लेने मे काफी परेशानी हुई मगर खैर फिर सब कुछ ठीक हुआ उन्हे वहाँ दाखिला मिला. और उन्होने वहाँ सिर्फ दो सालों में एम. आर. सी. पी. तथा एफ. आर. सी. एस. की परीक्षा पास कर ली.

क्यों मानते हैं National Doctors Day


national-doctors-day-dr-bipin-chandra-national-doctors-day-in-india



विश्व के जाने माने चिकित्सको में डॉ. बिपिन चन्द्र राय का नाम आता था, वो अपने अनुभव के हिसाब से मरीज का चेहरा देख कर उसके बीमारी का पता लगा लेते थे. और उसको उस बीमारी का इलाज भी बता दिया करते थे, अपने शुरुवाती दिनों में उन्होने पंडित मोतीलाल नेहरू और महात्मा गांधी के निजी चिकित्सक के रूप में  सेवाए दीं. उनमें ऐसी योग्यता थी, की सन 1909 में उन्हे Royal Society of Medicine, सन 1925 में Royal Society of Tropical Medicine और सन 1940 में American Society of Chest Physician के फ़ेलो के रूप मे चुना गया, उसके साथ साथ उन्होने सन 1923 में 'यादवपुर राजयक्ष्मा अस्पताल' की नीव रखी और चितरंजन सेवा सदन की स्थापना में भी उनका मुख्य योगदान रहा, कारमाइकेल मेडिकल कालेज की स्थापना में भी उनका योगदान उलेखनीय है. वो इस कॉलेज के अध्यक्ष और Professor of Medicine रहे जब तक जिए, उनकी योग्यताओं के बारे में जितना लिखा जाए वो कम लगने लगता है, कलकत्ता और इलाहाबाद (प्रयागराज) विश्वविद्यालयों में डॉ. बीपीन चन्द्र राय को डी. एस-सी. की सम्मानित उपाधि प्रदान ,की थी इन उपलब्धियों के अलावा वो सन 1939 से लेकर सन 1945 तक All India Medical Council के अध्यक्ष रहे, इसके साथ ही वो Kolkata Medical Club, Jadahvpur Technical College, राष्ट्रीय शिक्षा परिषद, Indian Medical Association, Govt. of India Higher Institute of Technology, All India Board of Biophysics, और यादवपुर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे, एक चिकित्सक और विशेषज्ञ के रूप में उन्होने बहुत नाम और धन कमाया समाज के प्रति अपना झुकाओ बनाए हुए रखा. उन्होने समाज के लिए भी बहुत काम किए खासकर जाब बंगाल में अकाल का दौर आया तब उनके द्वारा किए गए कार्यों को कोई नहीं भुला सकता.


डॉ. बिपिन चन्द्र राय और राजनीति




वो दौर था जब देश गुलामी की ज़ंजीरें तोड़ना चाहता था, हर तरफ आज़ादी के लिए लोग बेचैन हो गए थे. सब अपने अपने तरीके से देश के लिए कुछ कर गुजरना चाहते थे. उसी दौरान डॉ. बिपिन चन्द्र राय का इंग्लैंड से वापस भारत आना हुआ वो भी इस लहर से खुद को नहीं बचा सके, वहाँ से वापस आते ही उन्होने अपना एक Private Hospital खोला साथ ही साथ उन्होने सरकारी नौकरी भी कर ली, दिन भर वो सरकारी Hospital मे सेवा करते और शाम के वक़्त अपने हॉस्पिटल में सेवाएँ देते. सन 1923 में उन्होने राजनीति में प्रवेश किया राजनीति में आते ही उन्होने सामना किया चुनाव का, और उस दौर के लोकप्रिय नेता सर सुरेन्द्र नाथ बेनर्जी को चुनावों में हरा दिया, उन्होने ये जीत स्वराज पार्टी के सहारे लड़ा था. उसके बाद वो देशबंधु चितरंजन दास के प्रमुख सहायक बने और देखते देखते बहुत कम समय  में वो बंगाल की राजनीति पर छा गए, और अपनी एक अलग जगह और पहचान बनाने में कामयाब हुए

  

डॉ. बिपिन चन्द्र राय का निजी जीवन



डॉ. बिपिन चन्द्र राय ने स्वेच्छा ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर लिया और उसकी वजह से वो आजीवन अविवाहित रहे, उनमें गज़ब की ऊर्जा थी, वो बिना थके काम किया करते उनके चेहरे से कभी थकान नज़र नहीं आती थी, उम्र के आखिरी दिनों तक उन्होने अपनी इस शैली को बनाए रखा. उनके संघर्ष चिकित्सा राजनीति और समाज में किए कार्यों के लिए इनको सन 1961 में राष्ट्र के सर्वोत्तम अलंकरण 'भारतरत्न' से विभूषित किया गया। 

Father's Day | How To Celebrate Father’s Day | Father's day gifts| History of Father's Day | When Father's Day Celebrate

Father’s Day 21 June 2020




Fathers-Day-How-To-Celebrate-Fathers-Day-Fathers-day-gifts-History-of-Fathers-Day-When-Fathers-Day-Celebrate

आपने कहीं न कहीं किसी पुराने बड़े से पेड़ को देखा होगा, उसकी शाखाओं में कई घोंसले होते हैं। जिसमे पक्षियों के छोटे छोटे बच्चे होते हैं. जो उस घोंसले में रहते हैं धीरे धीरे वहाँ पलते हैं, और एक दिन वो बड़े होकर उस घोंसले को छोड़ कर उड़ जाते हैं। मगर इन सब बातों में रह जाता है, वो पेड़ जिसकी शाखाओं में पक्षियों ने घोंसले बनाए हुए थे, वो तेज़ धूप की गर्मी से सर्दियों में जमा देने वाली ठंड से और बारिशों में बिजली बारिश से ज़मीन पर चलने वाले कई किस्स्म के जानवरों से, उन पक्षियों की और उनके बच्चों की रक्षा करता है, जिसके लिए उसे न कुछ मिलता है न ही वो किसी चीज़ की मांग करता है। हमारे जीवन में भी इस तरह के एक पेड़ होता है. जिसको हम सब पिता कहते हैं, हर तकलीफ़ सह कर हमारी हर जरूरतों को पूरा करने की कोशिश में पूरा जीवन लगा देने वाले को हम पिता कहते हैं. एक सख्त आवाज़ भारी सी आवाज़ खुरदरा सा सीना मगर सारी दुनियाँ में सबसे महफ़ूज जगह कोई है तो वो पिता वो सीना. जो लाख दर्द सहकर भी अपनी औलाद के लिए हर वो चीज़ हर वो खुशी जुटाता है, जो उसकी हैसियत में हो या की न हो. अपनी चाहतों को अपनी ख़्वाहिशों को ताक पर रखकर.   


क्यों मनाया जाता है Father’s Day ?


Fathers-Day-How-To-Celebrate-Fathers-Day-Fathers-day-gifts-History-of-Fathers-Day-When-Fathers-Day-Celebrate


Father’s Day के शुरुवात की कहानी भी एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। बात है 19 जून 1910 के दिन पहली बार Father’s Day मनाया गया था, वाशिंगटन में इस लिहाज से हम 2020 में 110 वां Father’s Day माना रहे हैं, सोनेरा डोड एक नन्ही सी बच्ची थी जब वो कुछ ही महीनों की थी, तब उसकी माँ ने दुनियाँ  को अलविदा कह दिया। पीछे रह गई सोनेरा डोड और उसके पिता विलियम स्मार्ट. जब बच्चे छोटे होते हैं, तब उनके देखभाल की ज़रूरत ज़्यादा होती है। और ये माँ बाप दोनों के लिए एक नया अनुभव होता है, ये काफी थका देने वाले दिन होते हैं, और अगर इस हाल में बच्चे की माँ को कुछ हो जाए बदकिस्मती से तो ये बहुत बड़ी मुसीबत होती है क्योंकि, बच्चे जब जन्म अपनी माँ की कोख में होते हैं तभी से वो अपनी माँ से भावनात्मक रूप से जुड़े होते है, और जब उनका जन्म हो है तो वो अपनी माँ को ही पहचानते हैं। उसके स्पर्श को महसूस कर उसकी पहचान कर लेते हैं. इस बात को ध्यान में रखकर सोचिए की वो बच्चा कितना लाचार होता होगा। और असहाय महसूस करता होगा बिना माँ के, इस पर ज़ुल्म ये की वो कुछ बोल भी नहीं सकता। ऐसी हालत में उस बच्चे को बस पिता का सहारा होता है, तो इस हालत में सोनेरा डोड की परवरिश की पूरी ज़िम्मेदारी अकेले विलियम स्मार्ट पर आ गई, उन्होने अपनी बच्ची की देखभाल और परवरिश ऐसी की, कि कभी सोनेरा डोड को ये महसूस नहीं हुआ कि उसकी माँ नहीं है। उसको माँ का भी प्यार दुलार अपने पिता से मिला। सोनेरा डोड भी अपने पिता से बहुत प्यार करती थी, जब वो एक दिन चर्च गई तो यूने देखा की वहाँ पादरी Mother’s Day पर चर्चा कर रहे हैं तब उसने सोचा कि, क्यों न साल में एक दिन पिता के नाम हो, और उसने 19 जून 1910 के दिन Father’s Day मनाया। उसकी इस पहल को उसके आसपास के लोगों ने भी बहुत सराहा और वो भी साल में एक बार Father’s Day मनाने लगे. उस वक़्त अमेरिका के राष्ट्रपति कैल्विन कोली सन 1924 में उन्होने अपनी सहमति दे दी कि, साल में एक बार Father’s day मनाया जायगा। फिर सन 1966 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति लिंडन जानसन ये आधिकारिक घोषण कर दी कि, जून के तीसरे रविवार को Father’s Day मनाया जाएगा। सन 1972 में Father’s Day के दिन छुट्टी कि घोषणा कि गई। और आज पूरी दुनियाँ में हर साल जून के तीसरे रविवार को Father’s Day मनाया जाता है.



कैसे मनाए How To Celebrate Father’s Day


Fathers-Day-How-To-Celebrate-Fathers-Day-Fathers-day-gifts-History-of-Fathers-Day-When-Fathers-Day-Celebrate


अगर आपके सर पर आपके पिता का साया है तो, आप इस दुनियाँ के सबसे खुशहाल इंसान हैं। वैसे तो पिता का सम्मान आपको हर हाल में करना चाहिए। और कैसे उनको खुश रखें और उनको गर्व महसूस करवाएँ. की वो आपके पिता हैं इस बात का जतन करना चाहिए। मगर जहां तक बात करें किसी खास दिन की जैसे Father’s Day की तो, आज बाज़ारवाद हर जगह हावी हो चुका है, हर बात हर अवसर के लिए आपको बाज़ार में तोहफे Gifts मिल जाएंगे, आपको भी अपने पिता अगर कोई Gift देना है तो कई सारे Gifts आपको बाज़ार में मिल जाएंगे। आप उनके लिए online भी कुछ मँगवा सकते हैं, gifts तो  सबको पसंद आते ही हैं, उम्र कोई भी हो मगर जहां तक बात है पिता की, तो आप उनके पास बैठिए उनसे बातें कीजिये उनके लिए इससे बड़ा तोहफ़ा कुछ नहीं आपका समय ही सबसे बड़ा तोहफ़ा है आज उनके लिए.

फिल्में जो बनी हैं पिता और संतान के रिश्तों पर


आप चाहें तो Father’s Day के दिन अपने पिता को अपने हाथों से उनकी पसंद का खाना बनाकर उनके साथ खा सकते हैं, और ऐसी कुछ फिल्में हैं जो पिता और उसकी संतान के रिश्तों पर बनी है, जो उनके साथ आप देख सकते हैं उनमें से कुछ फिल्मों की List आपको नीचे मिल जाएगी। ये भी एक अच्छा तरीका है, उनके साथ समय बिताने का हाँ इस बात का आप ख्याल रखें की उनको फिल्में देखना पसंद हो.

1.  मुग़ल-ए-आज़म  (एक बहुप्रतिष्ठित फिल्म जो  पिता और एक बेटे के बीच के संबंध पर केंद्रित था। मुगल-ए-आज़म में पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला ने अभिनय किया।)
2.  शक्ति (रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित ये फिल्म एक पुलिस वाले के बेटे के चारों ओर घूमती है,। फिल्म में दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन थे।)
3.  मासूम ( इस फिल्म में एक पिता की अनोखी कहानी को दिखाया गया है जो काफी मार्मिक है इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह शबाना आज़मी ने मुख्य भूमिका निभाई थी )
4.  अकेले हम अकेले तुम (इस फिल्म में  आमिर खान को ए ऐसे पिता के रूप में दिखाया गया है जिसका उसकी पत्नी यानि मनीषा कोइराला के साथ तलाक हो गया है और वो अपने बच्चे को पालता है)
5.  वक़्त (फिल्म में अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा, शेफाली शाह और अमिताभ बच्चन ने अभिनय किया। यह एक बीमार पिता के इर्द-गिर्द घूमता है, जो अपने बेटे को उसकी जिम्मेदारियों का एहसास कराने के लिए अपने घर से बाहर फेंक देता है।)


परिवार के अन्य सदस्यों के मनाए जाने वाले Day’s



Mother’s Day          27 May
Sisters Day              2 August
Brother’s Day          31 May
Sibling’s Day          10 April
Grandparents Day   13 September 


आप अपने पिता को अगर कोई Gift देना चाहते हैं तो ये हैं कुछ सुझाव




1. Saregama Carvaan Portable Music Player with 5000 Preloaded Songs, FM/BT/AUX (Royal Blue)




  • 5000 songs categorised into 130+ dedicated stations
  • Bluetooth, USB and Aux In support FM/AM radio, Android device compatible charger
  • App support - download the Saregama Carvaan app on your Android or iOS mobile phone
  • A rechargeable battery that last up to 5 hours
  • LCD Screen Display
  • All India Service network
  • 12 months in-home warranty support
  • Entire Ameen Sayani's Geetmala
  • Gets easily charged with any android charger,for Assistance Contact_us on: [ 18001027799 ]



2. Samsung Galaxy M40 (Midnight Blue, 6GB RAM, 128GB Storage)




  • 32MP + 8MP + 5MP triple rear camera; 16MP front facing camera; Rear Camera - F Number (Multiple):F1.7 , F2.2 , F2.2
  • 16.00 centimeters (6.3-inch) FHD+ capacitive touchscreen with 2340 x 1080 pixels resolution 16M color support
  • Memory, Storage & SIM: 6GB RAM | 128GB storage expandable up to 512GB with Hybrid slot | Dual nano SIM with dual standby (4G+4G)
  • Android v9 Pie operating system with 2GHz, 1.7GHz Qualcomm Snapdragon SD 675 octa core processor
  • 3500mAH lithium-ion battery, CPU: Upto 2 GHz Octa-core, 11nm1 year manufacturer warranty for device and 6 months manufacturer warranty for in-box accessories including batteries from the date of purchase
  • Box also includes: Travel Adapter, USB Cable, Type C Earphones, Ejection Pin and User Manual
  • Internet Usage Time(LTE) (Hours): Up to 14; Internet Usage Time(Wi-Fi) (Hours): Up to 14; Video Playback Time (Hours, Wireless): Up to 12; Audio Playback Time (Hours, Wireless): Up to 49; Talk Time (4G LTE) (Hours): Up to 29


3. AE Designs Recliner In Dark Brown





  • Primary Material: Wood
  • Color: Dark Brown, Style: Contemporary
  • Can be installed in minutes without even using a single tool or services of a professional. Installation manual is provided along with the product and also the seller can be contacted for immediate assistance
  • 6 months warranty on any manufacturing defect177 Degrees Reclining Position along with Stunning Design Makes It Ideal For Relaxing
  • JSB HF05 Ultra Foot & Calf Massager for Leg Pain Relief with Human Hands Like Pressing, Heat, Vibration & Reflexology Rollers (Red-Black)


4. JSB HF05 Ultra Foot & Calf Massager for Leg Pain Relief with Human Hands Like Pressing, Heat, Vibration & Reflexology Rollers (Red-Black)




  • Leg Foot Massager Machine for Pain Relief with Rubber Kneading Pads to Effectively Massage Foot Ankle and Calf at the same time
  • Helps Promote Blood Circulation in Men and Women ; Effective in Varicose Veins, Foot Pain Calf Pain, Arthiritis, Knee Pain
  • Leg Massager Machine can recline upto 45 degrees : Use while sitting/reclining
  • Has 3 modes of vibration + 3 modes of kneading, relaxing reflexology vibration plate on sole of foot
  • 1 Year JSB National Warranty ; Door Step Service Available in Most Metro Cities ; Dedicated Customer Support Help Desk


International yoga day | history of yoga | father of yoga | first international yoga day | international yoga day 2020 theme

कैसे हुई अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुवात

international-yoga-day-history-of-yoga-father-of-yoga-international-yoga-day-2020-theme-first-internatoinal-yoga-day-narendra-modi



भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर खुद को दुनियाँ के सामने पेश करते हैं. और इस संस्कृति का सबसे बड़ा तोहफा दुनियाँ को योग है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  भी प्रतिदिन योग किया करते हैं, और वो दूसरों को भी योग करने की सलाह देते हैं। उनके ही पहल करने से योग दिवस को मनाने पर सहमति बनी थी। 27 सितम्बर 2014 के दिन संयुक्त महा सभा  में उन्होने सारे विश्व को एक साथ योग करने को कहा था, जिसको 11 दिसम्बर 2014  को सहमति मिल गई। और 21 जून 2015 के दिन से इसको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जाने लगा.

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

international-yoga-day-history-of-yoga-father-of-yoga-international-yoga-day-2020-theme-first-internatoinal-yoga-day-narendra-modi


आप शायद योग करते हों या कल से करने वाले हों, मगर आपने कभी ये सोचा है की, आखिर 21 जून के दिन में ऐसी क्या बात है? की उसी दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, इसके पीछे वजह ये है की, 21 जून उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसको ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं, 21 जून के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। और ये समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता, इसी वजह से 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

योग दिवस पर बना विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम

international-yoga-day-history-of-yoga-father-of-yoga-international-yoga-day-2020-theme-first-internatoinal-yoga-day-narendra-modi


पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए थे, पहला ये था की, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  ने दिल्ली के राजपथ पर 35 हज़ार से ज़्यादा लोगों के साथ योग किया था, जो आज किसी एक जगह योग करने वाले लोगों की संख्या से हजारों गुना अधिक थी, दूसरा ये की, एक साथ 84 देशों में एक ही समय में योग किया गया था.


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम


                         International Yoga Day Theme


Year  Theam  Theme
2015 सद्भाव और शांति के लिए योग  Yoga for Harmony and Peace
2016 युवाओं को कनेक्ट करें Connect the youth
2017 स्वास्थ्य के लिए योग  Yoga for Health
2018 शांति के लिए योग  Yoga for Peace
2019 पर्यावरण के लिए योग Yoga for Climate Action
2020 घर पर योग Yoga at Home


योग एवं योग का इतिहास

international-yoga-day-history-of-yoga-father-of-yoga-international-yoga-day-2020-theme-first-internatoinal-yoga-day-narendra-modi


वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है, जिसमें देखा गया है सभी देश सन 2015 से धर्म जाती और उम्र की सारी बाधाएँ किनारे रख कर सभी लोग योग किया करते हैं, मगर जब हम बात करें योग के इतिहास की तो हमें पता चलता है की,
लगभग 5000 साल  से हमारे देश भारत में योग किया जाता रहा है।
            भारत में ऐसा माना जाता है की, जब से मानव सभ्यता की शुरुवात हुई है तब से योग का अस्तित्व है, योग की उत्पत्ति बहुत पहले हुई थी। यहाँ तक की किसी भी धर्म या सभ्यता की उत्पत्ति भी नहीं हुई थी, जब से योग का आस्तिव है। भगवान शिव को पहला योगी माना गया है, हजारों वर्ष पहले हिमालय में झील के तटों पर आदि योगी ने अपने योग के ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्तऋषि को प्रदान किया था। इन सप्तऋषियों ने इस ज्ञान को एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका और विश्व के कोने कोने तक पहुंचा दिया। अगस्‍त नामक सप्‍तऋषि, जिन्‍होंने पूरे भारतीय उप महाद्वीप का दौरा किया, ने यौगिक तरीके से जीवन जीने के इर्द-गिर्द इस संस्‍कृति को गढ़ा। इस तरह भारत ने ही इस योग को सारी दुनियाँ में पहुंचाया, और अपने आध्यात्मिक ज्ञान से विश्व को परिचित किया.

            सिंधु सरस्वती घाटी सभ्यताओं के बहुत सारे जीवाश्म जो की खुदाई के दौरान मिले। जिसमें मुहरें और देवी देवताओं की कलाकृतियाँ अनेक योग की मुदरा में नज़र आती हैं, जो इस बात का प्रमाण देती हैं की, उस जमाने में भी लोग योग किया करते थे। भारतीय पुराणों बोद्ध जैन परम्पराओं में भी योग की उपयोगिता और उसके होने के प्रमाण मिलते हैं, वैदिक काल में  सूर्य को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। शायद इसलिए सूर्य नमस्कार को इतना महत्व दिया जाता है योग में. एक महान संत महर्षि पतंजलि  ने अपने ज्ञान से उस समय चली आ रही योग की विधाओं और इससे संबन्धित ज्ञान को और अधिक विस्तृत एवं व्यवस्थित कर दिया. महर्षि पतंजलि के बाद आने वाले अन्य बहुत सारे ऋषियों ने अपने अपने ज्ञान और सिद्धि से योग की सेवा की, और इसको और अधिक प्रभावशाली बनाने में अपनी भूमिकाएँ निभाई हैं.
            एक तरह से 500 ईसा पूर्व और 800 ईस्वी सन के बीच के समय को योग के स्वर्णिम काल के रूप में देखा जाता है. इसी समय योग सूत्रों एवं भागवद्गीता आदि पर व्‍यास के टीकाएं को अस्तित्व मिला। इस समय काल को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि, इस काल में दो महान धार्मिक उपदेशकों महावीर और बुद्ध  हुए। महावीर ने 5 महान व्रत और बुद्ध के अष्ट मग्गा या आठ पाठ की संकल्पना को ही योग साधना की शुरुवाती अवस्था कहा जा सकता है.
            800 ईस्वी से 1700 ईस्वी  तक के काल में भी कुछ ऐसे महान लोगों ने योग को अपनाया और योग कला को सजाया जिसमें महान आचार्यत्रयों - आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य और माधवाचार्य - के उपदेश इस अवधि के दौरान प्रमुख थे। इस समय काल के दौरान सुदर्शन, तुलसी दास, पुरंदर दास, मीराबाई के उपदेशों ने महान योगदान दिया। हठयोग परंपरा के नाथ योगी जैसे कि मत्‍स्‍येंद्र नाथ, गोरख नाथ, गौरांगी नाथ, स्‍वात्‍माराम सूरी, घेरांडा, श्रीनिवास भट्ट ऐसी कुछ महान हस्तियां हैं,जिन्‍होंने इस अवधि के दौरान हठ योग की परंपरा को लोकप्रिय बनाया।  
            1700 ईस्वी से 1900 ईस्वी  के समय को आधुनिक काल के रूप में माना जाता है जिसमें महान योगाचार्यों - रमन महर्षि, रामकृष्‍ण परमहंस, परमहंस योगानंद, विवेकानंद आदि ने राज योग के विकास में योगदान दिया है। यह ऐसी अवधि है जिसमें वेदांत, भक्ति योग, नाथ योग या हठ योग फला - फूला। शादंगा - गोरक्ष शतकम का योग, चतुरंगा - हठयोग प्रदीपिका का योग, सप्‍तंगा - घेरांडा संहिता का योग - हठ योग के मुख्‍य जड़सूत्र थे।
            आज के युग में योग को स्वस्थ शरीर का आधार और मन की शांति के लिए एक महान कला के रूप में जाना जाता है स्वामी विवेकानंद, श्री टी कृष्‍णमचार्य, स्वामी कुवालयनंदा, श्री योगेंद्र, स्‍वामी राम, श्री अरविंदो, महर्षि महेश योगी, आचार्य रजनीश, पट्टाभिजोइस, बी के एस आयंगर, स्‍वामी सत्‍येंद्र सरस्‍वती आदि जैसी महान हस्तियों के उपदेशों से आज योग पूरी दुनिया में फैल गया है।

आज के युग में योग

international-yoga-day-history-of-yoga-father-of-yoga-international-yoga-day-2020-theme-first-internatoinal-yoga-day-narendra-modi


हजारों साल की भारतीय परंपरा के साथ योग भी फलता फूलता रहा है, आज दुनियाँ भर में योग किया और सिखाया जाता है. आपको ये जान कर भी हैरानी होगी की, अधिकतर विदेशों में योग सीखने और करने के केंद्र हैं और वहाँ जो योग गुरु हैं वो कोई भारतीय नहीं बल्कि वहीं के नागरिक है. जिन्होने खुद पहले योग की विद्या सीखी, उसके बाद वो अपने देश के नागरिकों को योग सीखा रहे हैं। आज योग के बारे में किसी को कुछ बताना नहीं पड़ता सबको पता है की, योग एक ऐसी कला है जिससे  न सिर्फ शरीर को संतुलित किया जाता है, वरन मानसिक शांति के लिए भी योग से बड़ी कोई विधा नहीं है.
            जब से प्रचार प्रसार माध्यमों में वृद्धि हुई है, योग भी जन मानस तक आसानी पहुँच गया है। आज भारत में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जी बाबा रामदेव जी को नहीं जानता होगा। आज घर घर में योगा किया जाने लगा है, उसका श्रेय बाबा रामदेव को ही जाता है. उन्होने TV, youtube आदि माध्यमों का उपयोग कर योग को घर घर तक पहुंचा दिया है। जिसका लाभ आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी उठा रहे हैं, कई फिल्मी हस्तियों ने भी योग को अपना कर दूसरों को इसके लिए प्रेरित किया है, उसमें सबसे बड़ा नाम मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का का है.


2020 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस


2015 से 21 जून के दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, और इस दिन में भारत में विशेष आयोजन हुआ करते थे. प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्र्म की अगुवाई करते थे। मगर जैसा की आपको पता है की विश्व को अभी कोरोना जैसी महामारी ने घेर रखा है। जिसके कारण दुनियाँ के कई देश लॉकडाउन जैसी हालत से गुज़र रहे हैं, और वहाँ लोग एक दूसरे से नहीं मिल पा रहे हैं। कोई भी आयोजन कहीं नहीं हो रहा, इसको देखते हुए 2020 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपने अपने घर पर रह कर मनाने की अपील की गई है, इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम भी “योग घर पर” रखी गयी है. इस बार digital platform के माध्यम से योग दिवस मनाने की तैयारी है. लोग facebook, whatsapp instagram आदि digital platform के जरिये एक दूसरों के साथ योग करेंगे, एक साथ सुबह 7 बजे अपने अपने घरों में अपने परिवार के सदस्यों के साथ.

Top 5 smartwatches for Indian youngsters

Top 5 smartwatches for Indian youngsters आज कल का दौर है,   Smartness का जहां हर बात पे ज़ोर दिया जाता है।  Smart होने का जैसे Smart Phone , ...