lockdown men ghar par kya karen


लॉकडाउन में घर पर बैठे बैठे कर सकते हैं ये सब काम


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कोरोना महामारी के इस काल में हर एक अपने अपने घरों में बैठा हुआ है, क्या बच्चे क्या जवान क्या बुजुर्ग जब तक कोई बहुत ज़रूरी काम नहीं है । लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं,  कुछ दिन सबने अपने अपने शौक के हिसाब से काम किए। जैसे किसी ने खाना बनाया किसी ने पेंटिंग की किसी ने कोई कविता लिखी मगर अब लगभग वो सारे काम भी हो गए। अब लोग घरों में बैठे बैठे थक गए हैं, तो आइए जान लेते हैं की इस लॉकडाउन में हम और क्या क्या कर सकते हैं। जिससे की हमारा समय भी कटे और कुछ काम भी हो जाए।


घर बैठे पैसे कमाए (Earn from home)


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ऐसे बहुत से काम हैं जो आप घर बैठे कर सकते हैं, और उस से कुछ पैसे भी कमाए जा सकते हैं, मगर आप ये सोचे की ये तुरंत हो जाए तो ये ज़रा मुश्किल है। आपकी धेर्य की बहुत ज़रूरत पड़ेगी आइए जान लेते हैं, आप घर बैठे कैसे पैसे कमा सकते हैं।

1        यूट्यूब पर विडियो अपलोड कर के (Youtube )
2        ब्लॉग लिखकर (Blogging)
3        ऑनलाइन ट्यूशन (Online Tuition)
4        फ्रीलान्सिंग (Freelancing)
5        कुओरा (Quora)
6        सोशल साइट (Social Sites)


 यूट्यूब पर विडियो अपलोड कर के (Earn from Youtube videos) – अगर आप के अंदर कोई भी हुनर है, जिसे आप दुनियाँ को दिखाना चाहते हैं। उससे कुछ पैसे भी कमाना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे सही Platform है, youtube आप यहाँ विडियो बनाए अपने चेनल को Monetize करे, जिससे आप घर बैठे अपने शौक को पूरा करते समय पैसे भी कमा सकते हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए आप ये विडियो देख सकते हैं।
Video Courtesy - Ishan Moniter (youtube)

ब्लॉग लिखकर (Blogging)  ऐसे बहुत से विषय होते हैं, जिन्हे लोग online search करते हैं। जिसके जवाब उन्हे मिलते हैं google या अन्य किसी search engine पर ये ही जवाब जो होते हैं उन्हे Blog Post कहते हैं। इन्हे जो लोग लिखते हैं, उन्हे Blogger कहा जाता है। ये भी एक तरीका है बहुत अच्छा जिससे आप अपने घर पर बैठे कर सकते हैं। और उस से पैसे कमा सकते हैं, आपको चाहिए बस एक विषय की पूरी जानकारी और google adsence की मान्यता आपके blog के लिए।


Video Courtesy - Web beast (youtube)

ऑनलाइन ट्यूशन (Online Tuition) – कोरोना की वजह से सब कुछ बंद है, बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर इसका बहुत बुरा असर पड रहा है, माँ बाप इसको लेकर हर घर मे चिंतित हैं, जिसका एक अच्छा उपाय आप बन सकते हैं अगर आपको किसी विषय में महारत हासिल है, और आप बच्चों की पढ़ा सकते हैं। तो आप अपने घर से बैठे ऑनलाइन बच्चों की पढ़ा सकते हैं। जिससे आपकी आमदनी हो जाएगी और बच्चों की पढ़ाई की समस्या भी दूर हो जाएगी।

फ्रीलान्सिंग (Freelancing) – फ्रीलान्सिंग एक बहुत बड़ा Platform है, जिसमे हर किसी के लिए कुछ न कुछ संभावनाएं होती है, इसमें आपको न किसी ऑफिस में जाना है न कोई आपका boss होगा न आपको किसी समय के अनुसार काम करना है। आपको करना है, अपनी सहूलियत के हिसाब से काम ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिन्हे अपने office ये अपनी ज़रूरत के हिसाब से अलग अलग तरह की लोगों की सेवाओं की ज़रूरत पड़ती है।जिसके लिए वो कोई नियमित कर्मचारी नहीं रखना चाहते तो वो freelancing sites का सहारा लेते हैं, जहां उनको उनकी ज़रूरत के हिसाब से काम करने वाले लोग मिल जाते हैं। और वो उनको भुगतान करके अपनी ज़रूरत पूरी कर लेते हैं, ऐसे काम में आप data Entry, Content Writing, Short Stories, Article Writing logo Designing आदि बहुत से काम से आप पैसे कमा सकते हैं।


कुओरा (Quora) – कुओरा एक साइट है, जहां कुछ लोग सवाल करते हैं। और कुछ लोग उन सवालों के जवाब देते हैं। सवाल करने वालों को भी पैसे मिलते हैं, और जवाब देने वालों को भी पैसे मिलते हैं। मगर ये सवाल और जवाब ऐसे होने चाहिए जो अब तक किसी ने न पूछे हों, न किसी ने उनका जवाब दिया हो ये भी एक बेहतरीन उपाय हैं। घर बैठे पैसे कमाने का। इस विडियो की मदद से आप और अच्छे से समझ सकते हैं।


Video Courtesy - My Smart Support (youtube) 

सोशल साइट (Social Sites) – आप ऐसे बहुत से अपने दोस्त रिश्तेदार को जाने होंगे, जो हमेशा हाथ में अपना Mobile लिए हुए। Facebook, Instagram Youtube जैसे Social Sites पर व्यस्त रहते हैं, और दूसरों के डाले videos या content को देख देख कर अपना बहुमूल्य समय बर्बाद करते हैं। मगर उन्हे नहीं पता अपनी इस आदत से वो पैसे भी कमा सकते हैं, इसमें बस आपको चाहिए अच्छी fan following जो आपको पैसे भी कमा के देगी।


अपने घर को दे नई पहचान (Home Decoration)

लॉकडाउन की वजह से आप अपने घरों मैं हैं, आप के सोने और उठने का कोई समय नहीं रहा, जब मन किया सो गए जब मन किया आप उठ गए। ऐसा बहुत सा समय आप देखते होंगे की, आपके पास कोई काम नहीं तो ऐसे में आप देखिये की आपके घर में ऐसी बहुत सारी चीज़ें हैं, जिसको आप नया रूप दे सकते है, जैसे घर के पर्दे,पंखे,पैर दान घर में बेवजह पड़े हुए सामानों को बाहर निकालना ऐसी कोई जगह जहां पानी रुका हुआ है या रुक सकता है।

बागबानी (Gardening) – आप अपने घरों में बैठे हुए अब थक चुके हैं, आपकी सारी Creativity बस खाने और सोने में व्यर्थ हो रही है। तो आप को चाहिए की, आप अपने बगीचे में जाएँ और वहाँ साफ सफाई करें इस मौसम में कौन से पौधे लगाए जा सकते हैं। कौन सी सब्जियाँ बोई जा सकती है, इसका पता लगाकर आप अपने खाली समय का सदुपयोग कर सकते हैं.


Develop Skillsअभी आपके पास पर्याप्त समय है, जिसमें आप नई नई चीजों को सीख सकते हैं। जिससे आपके व्यक्तित्व मे निखार आ सकता है। और आप और भी बेहतर बनकर समाज और दुनियाँ के सामने आ सकते हैं। आप अभी उन भाषाओं को सीख सकते है। जो आपको नहीं आती जैसे English,Spanish, French, आदि।

वजन पर दे ध्यान (Wight Management) – आप अभी घर पर हैं, और ये मौका है आपके पास अपने बढ़ते वजन को थाम लेने का। आप घर पर योगा कर सकते हैं, साथ साथ आप Diat Control कर सकते हैं। अपना जिससे आपका वजन न बढ़ जाए। इनदिनों और आप जब घर से बाहर निकले तो आपको लोग देखकर पहचान ना सके।

परिवार को दें समय (Spend Quality Time with Family) - अभी आपके पास सुनहरा मौका है, जब आप अपने घर वालों के साथ पूरा समय बिता सकते हैं, आप अपने पिता माता भाई बहन पत्नी अपने बेटे बेटी के साथ वो सब कर सकते हैं। जिसके बारे मे आप बस सोचा करते थे की, काश कभी समय मिलता तो मैं उनके साथ ये सब कर सकता तो इस समय का भरपूर फायदा उठाये।




Shakuntala devi | Human Computer | Biography in hindi | Shakuntala Devi Movie


Human Computer Shakuntala Devi

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आपने बहुत आज तक बहुत शक्तिशाली और सटीक Computers के बारे में सुना होगा, मगर क्या आप जानते हैं, हमारे भारत में एक ऐसी महिला हुई। जो अपने जमाने के इन शक्तिशाली Computers को भी मात दे देतीं थीं, इनका नाम था, Shakuntala Devi अगर आपने उनके बारे में नहीं सुना है, तो ये Article आपके लिए ही है.

Shakuntala Devi


आपके पलक झपकते ही कठिन से कठिन जटिल गणनाओं को किसी Computer से भी तेज़ गति से हल कर देने वाली महिला का नाम था Shakuntala Devi. शकुंतला देवी का जन्म 4 नवम्बर 1929 के दिन कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में हुआ था.

उनके पिता को एक मंदिर में पुजारी के तौर पर काम करना था, मगर उन्होने सड़कों पर करतब दिखाकर अपनी आजीविका कमाने का काम चुना. आर्थिक तंगी की वजह से शकुंतला की शिक्षा नहीं हो सकी, वो अपने पिता के साथ ही सड़कों पर करतब दिखाया करतीं थीं। खाली समय में वो अपने पिता के साथ ताश खेला करतीं। अपने पिता जोकि बहुत अच्छे से ताश के खेल को खेला करते थे, उनको भी हरा दिया करती थी. उनके पिता को अपनी बेटी के क्षमताओं का पता चला तो उन्होने अपने काम को छोड़कर बेटी के हुनर के मुताबिक छोटे छोटे Events करना शुरू कर दिया.

पहले छोटे स्तर पर वो events किया करती और उनकी रोज़ी रोटी चलती थी, मगर धीरे धीरे उनकी प्रतिभा उनके इलाके से पूरे शहर तक फैल गई। जब वो मात्र 15 साल की थीं, तब उनपर Media की नज़र गई और उन्होने अपने समाचारों और कार्यक्रमों में शकुंतला देवी को स्थान देना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद उनपर विदेशी Media की नज़र पड़ी, उन्होने भी शकुंतला देवी को हाथों हाथ लिया। एक बार BBC Radio के एक कार्यक्रम में उनका Interview Broadcast हुआ, जिसमें उनसे Mathematics के  कुछ जटिल सवाल किए गए। जिनका उन्होने बिना किसी देरी के तुरंत जवाब दे दिया. सवाल पूछने वाले के जैसे पैरों तले से ज़मीन खिसक गई। इस Interview के Broadcast के बाद शकुंतला देवी को विश्व भर में पहचान मिल गई, इस सवाल जवाब में एक मज़ेदार किस्सा ये हुआ की, जिसने सवाल किया था, वो भी उसने भी सवाल का जवाब गलत दिया जबकि शकुंतला देवी का जवाब सही था.

शकुंतला देवी की प्रसिद्धि जब बढ़ाने लगी, तब उनको देश विदेश के कई विश्वविद्यालयों से बुलाया जाने लगा। ताकि वहाँ के शिक्षक विशेषज्ञ और विद्यार्थी भी उनकी इस अद्भुत योग्यता को देख सकें और उनसे कुछ सीख सकें. उन्होने लगभग 50 से अधिक देशों की यात्राएं की और अपने योग्यता का लोहा मनवाया।


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27 सितम्बर 1973 के दिन BBC Radio के एक कार्यक्रम Nationwide में उनका Interview Brodacast हुआ, जोकि विश्व भर में Broadcast हुआ था. जिसमे शकुंतला देवी के साथ उस समय के मशहूर बॉब वेल्लिंग्स ने शकुंतला देवी से कुछ गणित के जटिलतम सवाल किए, जिसका जवाब तुरंत उन्होने दे दिया। उनकी इस परतिभा को देख कर बॉब वेल्लिंग्स हैरान से रह गए, उन्हे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था.

साल 1977 में उन्हे अमेरिका के Dalas की एक University ने आमंत्रित किया, वहाँ उस समय के आधुनिक तकनीक वाले  Computer यूनिवेक से शकुंतला देवी का मुक़ाबला होना था। जिसमें शकुंतला देवी को 201 अंक की एक संख्या का 23 वां मूल निकालना था, सबकी निगाहें और सब Media वाले साँसे रोक कर इस मुक़ाबले को देख रही थीं। इस सवाल का जवाब देने में शकुंतला देवी को 50 सेकंड लगे और वहीं यूनिवेक ने इस सवाल का जवाब देने में 62 सेकंड लगा। दिये उस दिन वहाँ मौजूद लोगों ने अपनी उँगलियाँ दांतों तले दबा ली और उसी दिन शकुंतला देवी की Human Computer के नाम से जाना जाने लगा  

उसके बाद उन्हे 18 जून 1980 को विश्वप्रसिद्ध इम्पीरियल कॉलेज लंदन से बुलावा आया। अपनी प्रतिभा को दिखने के लिए जहां भी उन्होने अपने हुनर से लोगों को चौंका दिया, उनसे पूछे गए सवालों का उन्होने पलक झपकते सही जवाब दे दिया।
            मात्र 16 साल की छोटी सी उम्र में उन्होने 13 अंकों की संख्याओं का हल मात्र 28 सेकंड में कर दिया, उन्होने उस समय के सबसे तेज़ और शक्तिशाली Computer की 10 सेकंड के अंतर से हारा दिया। इस घटना ने उन्हे और भी प्रसिद्ध कर दिया।

शकुंतला देवी और उनकी शादी 

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शकुंतला देवी की शादी कलकत्ता के एक बंगाली IAS अधिकारी से सन 1960 में हुई थी। उनका नाम परितोष बेनर्जी था, इस शादी से उन्हे एक बेटी हुई। मगर दुर्भाग्य से ये शादी ज़्यादा दिनों तक नहीं चल सकी और मजबूरन उन्हे तलाक लेना पड़ा। अपने पति से सन 1979 मे फिर वो अपनी बेटी के साथ वापस बंगलुरु आ गई।


शकुंतला देवी का सम्मान और पुरस्कार Shakuntala Devi Achivements 


शकुंतला देवी का नाम देश विदेश में जाना जाता है, और उन्हे सम्मान और पुरस्कार भी बहुत सारे मिले उनकी योग्यता के हिसाब से।

  • शकुंतला देवी को सन 1969 मे फिलीपींस के एक विषविद्यालय ने Gold Medal और Special Lady of The Year की उपाधि से सम्मानित किया था।
  • सन 1988 में शकुंतला देवी को Washington DC में  Ramanujan Mathematical Genius अवार्ड से सम्मानित किया।
  • सन 1982 में इनकी विशेष योग्यता को देखते हुए Guinness Books of World Record में भी शामिल किया गया था।
  • शकुंतला देवी को उनकी मृत्यु से सिर्फ एक महीने पहले ही सन 2013 में Life Time Achievement Award से  भी सम्मानित किया गया था।
  • 4 नवम्बर सन 2013 को शकुंतला देवी के जन्मदिन के मौके पर google ने इन्हे सम्मान देने के लिए अपने google doodle को समर्पित किया था।


शकुंतला देवी के जीवन पर फिल्म Shakuntala Devi Movie 

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शकुंतला देवी के जीवन पर अब Bollywood में एक फिल्म भी बन रही है, जिसमें मुख्य भूमिका में मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन है। जो फिल्म में शकुंतला देवी का किरदार निभाएँगी विद्या बालन के अलावा इस फिल्म में सान्या मल्होत्रा, अमित साध और जिस्सू सेनगुप्ता भी एहम किरदारों में हैं। ये फिल्म 31 जुलाई 2020 को Releas होगी Online Plateform पर.


शकुंतला देवी का निधन 


शकुंतला देवी लंबे समय से बीमार थीं, उनके गुर्दों में गंभीर समस्या थी। जिसकी वजह से 21 अप्रैल को हृदय गति रुक जाने की वजह से उनका निधन हो गया। बंगलुरु कर्नाटक में वो 83 साल की थी। 


शकुंतला देवी एक अद्भुत व्यक्तित्व 

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शकुंतला देवी न सिर्फ अद्भुत प्रतिभा की धनी थी। वो एक कुशल ज्योतिष भी थीं, और उन्होने सामाजिक कामों में भी बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। वो एक जबर्दस्त लेखक भी थी, उन्होने अपने जीवन काल में ऐसे बहुत से काम किए, जिनसे लोग उनको अपना आदर्श मानते हैं। 




















Roshni Nadar Biography in Hindi | Roshni Nadar Age | India Richest Women | Roshin Husband | Roshni Hobbies | Roshni Education | Roshni Wealth


Roshni Nadar Malhotra India's Richest Women 

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Hurun Rich List की रिपोर्ट ने ये खुलासा किया है की, 38 साल की Roshni Nadar भारत की सबसे अमीर महिला हैं, IT कंपनी HCL Technologies के प्रेसिडेंट पद से Shiv Nadar हट गए हैं। अब उनकी जगह उनकी बेटी Roshni Nadar Malhotra ने ले ली है, 17 जुलाई से उन्हे ये कार्यभार मिला है, उनके पिता Shiv Nadar अब HCL Technologies के रणनीति अधिकारी और MD पद के साथ company का काम देखेंगे.


रोशनी नडार की शिक्षा

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रोशनी शुरू से ही एक होनहार विद्यार्थी रहीं हैं, उन्होने अपनी स्कूलिंग तक की पढ़ाई दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो United State के Northwestern University, Evanston, Illinois चली गईं, जहां से उन्होने Communication में Graduation किया और फिर Kellogg School of Management से MBA की डिग्री ली. उन्हे संगीत का भी शौक रहा है, जिसके लिए उन्होने शास्त्रीय संगीत की भी ओपचारिक शिक्षा ली हुई है.    

The Career of Roshani Nadar 

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साल 2009 में HCL Technologies में आने से पहले रोशनी ने News Producer के तौर पर Sky News UK और CNN America में काम भी किया है, कुछ दिन वहाँ काम करने के उन्होने HCL Corp में काम करने लगी। जहां एक साल तक उन्होने काम किया। उसके बाद वहाँ उन्हे Executive Director की ज़िम्मेदारी दे दी गयी, जब वो सिर्फ 27 साल की थीं, तब उन्हे Company का CEO बना दिया गया। सन 2013 में रोशनी को HCL Technologies के Board में शामिल कर लिया गया, जहां वो  Vice Chair Person थीं साथ साथ वो HCL Corp की CEO भी बनी रही.

रोशनी की शादी

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रोशनी नडार की शादी सन 2010 में शिखर मल्होत्रा से हुई, शिखर Shikhar Malhotra शिखर मल्होत्रा HCL Healthcare ने Vice Chairmen हैं, रोशनी और शिखर के दो बेटे हैं, उनके बड़े बेटे का जन्म 2010 मे हुआ उसका नाम अरमान है और छोटे बेटे का जन्म 2017 मे हुआ जिसका नाम जहान है.

रोशनी के शौक


रोशनी अपने व्यस्त दिनचर्या से जब भी थोड़ा बचा पाती हैं, तो वो प्रकृति के करीब चली जाती हैं, उन्हे वन्य जीवों में काफी दिलचस्पी है, इस शौक के लिए उन्हे सन 2018 मे द हैबिटैट्स ट्रस्ट की स्थापना की। इस Foundation का उन्होने लक्ष्य रखा है की, भारत के प्राकृतिक हैबिटैट और देश प्रजातियों का संरक्षण करना है.

रोशनी का सम्मान


·         2014: NDTV  यंग परोपकारी वर्ष का।
·         2015: द वर्ल्ड समिट ऑन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (WSIE) द्वारा फिलैंथ्रोपिक इनोवेशन के लिए "द वर्ल्ड्स मोस्ट इनोवेटिव पीपल अवार्ड" से सम्मानित किया गया
·         2017: वोग इंडिया फिलैंथ्रोपिस्ट ऑफ द ईयर



Hurun Rich List

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Hurun Rich List की रिपोर्ट में उन्होने ये बताया है की, रोशनी के पास कुल संपत्ति 36800 करोड़ की है. इस वजह से रोशनी भारत की सबसे धनी महिला बन गई है, सन 2019 में Forbs फोर्ब्स पत्रिका ने रोशनी को 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में 54 वां स्थान दिया था.






The history of Royal Enfield | Bullet | Himalayan | Interceptor| Classic| GT Continental



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The History of Royal Enfield


आप किसी रास्ते से गुज़र रहे हों, अचानक आपके आसपास से कोई धकधक करती हुई Motorcycle की आवाज़ आए। मगर आप उसे अभी देख नहीं सकते हों, उसके होने का एहसास आपको हो जाए तो यकीनन आप Royal Enfield के बारे में सोच रहे है. हर किसी Biker का शौक होता है की, उसके पास भी हो एक Bullet ये जलवा है. Royal Enfield Bullet का एकदम मर्दाना अंदाज़ जबर्दस्त आवाज़ के साथ आज हम बात करेंगे Royal Enfield Bullet की जिसका Tag Line है “Made Like A Gun”. जितनी दिलकश इसकी सवारी है, उतनी ही दिलकश है Royal Enfield की कहानी. ब्रिटेन से शुरू हुई और भारत तक आ गई। सन 1994 में भारत की व्यावसायिक वहाँ बनाने वाली एक Company Eicher ने Royal Enfield का मालिकाना हक़ हासिल कर लिया.अब हालत ये है की, भारत से ब्रिटेन,अमेरिका,यूरोप जहां जहां Royal Enfield को पसंद करने वाले लोग हैं, इसका निर्यात किया जाता है. सन 1999 से Eicher के सिद्धार्थ लाल ने Company की बागदौड़ अपने हाथों में ली Royal Enfield ने Motorcycle Industry का नक्शा बादल दिया है, हालत ये है की, जहां दूसरी किसी Bike की delivery तुरंत मिल जाती है। आपको Royal Enfield के लिए 6 महीनों तक का इंतज़ार करना पड़ सकता है.  

आइये शुरू करते हैं Royal Enfield का इतिहास  

Story line of Royal Enfield Bikes


आज जिस Royal Enfield को हम देखते हैं, उसको देखकर या उसकी शान की सवारी करते हुए। बहुत कम लोगों को ये  जानकारी होगी की Royal Enfield कोई बनाने वाली Company सुई बनाया करती थी, पहले इसका मतलब है उस Company ने सुई से लेकर Royal Enfield Bikes तक सफ़र किया तो बात है, सन 1891 की बॉब वॉकर स्मिथ और अल्बर्ट एड्डी ने जॉर्ज टाउनसेंड एंड कंपनी ऑफ हंट एंड, रेडडिच को खरीदा। टाउनसेंड को लगभग 50 सालों से अधिक का अनुभव था सुई बनाने का और वो इस क्षेत्र में बहुत सम्मानित Company थी, जिसने अभी अभी Motorcycle बनाने का काम शुरू किया था.

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सन 1893 में बॉब वॉकर स्मिथ और अल्बर्ट एड्डी ने मिडल्सेक्स को  Royal Arm Factory को Spear Part Supply करने का Contract मिला, जो की एक बड़ा Contract था, ज़हीर है दोनों बहुत खुश हुए इस खुशी के मौके पर उन्होने अपने फर्म का नाम एनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड रख दिया. और अपनी पहली बॉब वॉकर स्मिथ Motorcycle का नाम Enfield रखा, फिर अगले साल उन्होने इसका नाम  Royal Enfield रख लिया और अपनी Tag Line उन्होने Made like A Gun बना लिया.

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सन 1898 में बॉब वॉकर स्मिथ Company अपनी पहली Motorcycle का Design करते हैं, इस डिज़ाइन में लोहे के दो फ्रेमों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 1.5 HP D Deon इंजन लगाया जाता है, Company अपने व्यापारिक नाम को द एनफील्ड साइकिल कंपनी लिमिटेड का नाम देती है. यही नाम अगले 70 सालों तक इस Company ने इस्तेमाल किया.

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सन 1901 में पहली Royal Enfield मोटर साइकल का उत्पादन किया जाता है, इस मोटर साइकल का डिज़ाइन बॉब वॉकर स्मिथ और एक फ्रेंचमेन जूल्स गाइट ने किया था, जो देखने में बहुत आकर्षक थी इसके स्टेयरिंग हैड के सामने 1.5 मिनर्वा इंजन लगाया गया था। जिसकी Rear Wheel एक लंबे से रॉहाइड बेल्ट से नियंत्रित होते थे, जिनसे इस मोटर साइकल को गति मिलती थी.

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सन 1909 में स्टेनली साइकल शो जो की उस जमाने का मशहूर Auto Expo हुआ करता था, में Royal Enfield का पहला V- Twin जिसमे 297 CC का स्विस कंपनी का इंजन लगा हुआ था. इस मोटर साइकल को वहाँ खूब सराहा गया। हर जगह बस इसी के चर्चे थे, अगले साल तक इस मोटर साइकल ने कई सारी सफलताएँ हासिल की जिसमें मशहूर Auto Expo जॉन ओ 'ग्रेट्स से लेकर लैंड एंड ट्रायल तक शामिल हैं.

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सन 1914 ये वो दौर था, ब्रिटेन प्रथम विश्व युद्ध में उलझा हुआ था इस बीच Royal Enfield ने अपनी पहली 2 Stroke Motor Cycle का उत्पादन शुरू कर दिया. इस विश्व युद्ध में  Royal Enfield की मोटर साइकल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, अपनी अनोखी और मजबूत बनावट की वजह से ये सेना की पहली पसंद थी, ये वहाँ तक जा सकती थी जहां जीप और अन्य वाहन नहीं जा सकते थे. Royal Enfield ने अपनी 770cc 6 hp V-ट्विन, मोटरसाइकल का उत्पादन भी शुरू कर दिया। इस युद्ध के दौरान Royal Enfield कंपनी ब्रिटिश, बेल्जियम, फ्रेंच, संयुक्त राज्य और इंपीरियल रूसी सेनाओं को मोटरसाइकिल की आपूर्ति की थी.


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सन 1924 में Royal Enfield ने अपनी पहली Sports Model 351 Launch की, और साथ ही 8 नए Model भी Launch किए थे। जिससे Auto Sector में काफी हलचल मचा दी थी, इस शृंखला में Royal Enfield ने 350 CC ओएचवी 4-स्ट्रोक मोटरसाइकिल भी launch की थी। जिसमे पहली बार पैर से गेयर नियंत्रित किया जा सकता था, साथ ही Company ने अपने Ladies ग्राहकों के लिए भी एक Bike Launch की थी जिसमें अनोखा 255 CC का 2 – Stroke इंजन वाली Bike थी.


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सन 1930 की शुरुवात Company ने अपने 11 नए Models के साथ की थी, जिसमें 225cc 2-स्ट्रोक मॉडल A से लेकर 976cc V- ट्विन मॉडल K. न्यू 350 और 500cc साइड-वॉल्व और ड्राई-सॉम्प स्नेहन के साथ ओवरहेड वाल्व मशीनों का भी उत्पादन किया जाने लगा था.


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सन 1933 Company के लिए काफी उथल पुथल भरा रहा इस साल Company के एक महत्वपूर्ण Partner और संस्थापक और Joint Managing Director बॉब वॉकर स्मिथ का निधन हो गया. इस घटना के बाद उनके बेटे मेजर फ्रेंक स्मिथ ने Company का पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया, फ्रेंक इससे पहले भी इस कंपनी से जुड़े हुए थे। वो अपने पिता के साथ Joint Managing Director के तौर पर काम करते आ रहे थे.


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सन 1936 में कंपनी ने पहली बार 500 CC bullet Model का उत्पादन शुरू कर दिया, ये कुछ विशेष Order पर ही बनाए जाते थे। इसमें 4- Valve Cylinder Head वाले भरोसेमंद इंजन लगे हुए थे.

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सन 1939 से 1945 ये दौर था, जब विश्व द्वितीय विश्व युद्ध के भयानक समय से गुज़र रहा था। इस दरम्यान Royal Enfield ने बड़ी मात्रा में सैनिकों के लिए सैन्य मोटरसाइकिल, साइकिल, जनरेटर और एंटी-एयरक्राफ्ट गन बनाने की घोषणा की थी, इसी दौरान company ने अपनी सबसे प्रतिष्ठित Model “Airborne” Motorcycle launch की इसकी विशेषता ये थी की, 126 CC 2- Stroke में पैराशूट क्रैडल में लोड किया जा सकता था। और दुश्मन के पीछे पैराट्रूप के साथ गिराया जा सकता था.


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सन 1948 द्वितीय विश्व युद्ध जब समाप्त हुआ और थोड़ी सी स्थिरता आ गई, तब Royal Enfield ने 350 CC इंजन का बुलेट का Prototype बनाया। जिसमे रैडिकल ऑइल-डैम्प्ड स्विंगिंग आर्म रियर सस्पेंशन था इस Prototype को Colmore Cup Trial में प्रदर्शित किया गया था, इसी साल 1948 में इटली में आयोजित ISTT (International Six Days Trails) Bullet Team के दो सवारों को स्वर्ण पदक मिला.

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सन 1949 Royal Enfield और भारत के सम्बन्धों के लिए एक महत्वपूर्ण साल था, इसी साल के. सुंदरम अय्यर ने रॉयल एनफील्ड्स सहित ब्रिटिश मोटरसाइकिलों को भारत में आयात करने के लिए मद्रास मोटर्स की शुरुआत की थी. और इसी साल Royal Enfield ने 350 CC Bullet और 500 Twin model UK में launch किए दोनों में एक बाइक फ्रेम, स्विंगिंग आर्म सस्पेंशन, टेलीस्कोपिक फ्रंट फोर्क्स और गियरबॉक्स थे.

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सन 1952 मद्रास मोटर्स को भारतीय सेना से 500 और 350 CC Bullet का एक बड़ा Order मिला था, और इस ऑर्डर की भरपाई रेडडिच से सन 1953 के शुरुवाई दिनों में भारतीय सेना को मिली और ये एक बड़ी सफलता थी Royal Enfield के लिए.

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सन 1955 Redditch Company ने भारत में मद्रास मोटर्स को Enfield India बनाने के लिए एक साझेदारी की जिसके तहत मद्रास के पास तिरुवोटियूर में इस उद्देश्य के लिए कारखाने का निर्माण शुरू करवाया गया.        

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सन 1956 में मद्रास मोटर्स का कारख़ाना तिरुवोटियूर में बन कर पूरी तरह से तैयार हो गया था, निर्माण के लिए शुरुवाती दिनों में मशीनों को इंग्लैंड से भेजा जाता था. फिर यहाँ कारखाने में उन मशीनों के पुर्जों को Assemble किया जाता था, और Bullet अपनी शक्ल में आता था. सन 1956 के आखरी दिनों तक तिरुवोटियूर के कारखाने में 163 Enfield India Bullet बनाए गए थे.  


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सन 1967 साल के शुरुवाती दिनों मे केवल दो models 250 CC Continental और 736 CC Interceptor ही Redditch के कारखाने में बन सके, क्योंकि Redditch की ज़मीन बिक गई. Interceptor का उत्पादन एवन पर ब्रैडफोर्ड के पास, ऊपरी वेस्टवुड में एनफील्ड की भूमिगत कारखाने में जारी रखा गया। जब तक 1970 में इसे पूरी तरह बंद नहीं कर दिया गया.


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सन 1977 में एक अजीब बात हुई, जब ब्रिटेन जहां Royal Enfield की स्थापना हुई थी, वहाँ भी अब भारत से Enfield India 350 CC bullet निर्यात करने लगा था. साथ ही भारत से ही यूरोप आदि देशों में इसका निर्यात किया जाने लगा.


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सन 1993 Enfield India विश्व की पहली ऐसी Company बनी, जिसने बड़े पैमाने पर Diesel से चलने वाली Motorcycle का उत्पादन शुरू कर दिया. Diesel से चलने वाले इस Bullet का इंजन 325 CC का था.

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सन 1994 भारत की एक व्यावसायिक वहाँ और Tractor बनाने वाली Company The Eicher Group ने Enfield India का पूरी तरह से अधिग्रहण कर लिया.


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सन 1997 40 Royal Enfield Motorcycle दुनियाँ के कुछ सबसे ऊंची पहाड़ी सड़कों से गुजरती हुई, खारदुंग ला पास (लद्दाख) तक की चढ़ाई की थी. जो की एक नया कीर्तिमान था, किसी मोटरसाइकल के लिए उसके बाद हर साल यहाँ Himalayan Odyssey का आयोजन किया जाने लगा.


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सन 1999 Royal Enfield ने ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी AVL के design का इस्तेमाल किया जिसके फलस्वरूप 350 सीसी ऑल-एल्युमनियम लीन-बर्न बुलेट इंजन का उत्पादन जयपुर, राजस्थान के पास एक नए रॉयल एनफील्ड प्लांट में शुरू किया गया.

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सन 2005 Royal Enfield ने भारत में अपनी 50 वीं साल गिरह मनाने के लिए,  थंडरबर्ड और बुलेट इलेक्ट्रा मॉडल औरद लीजेंड राइड्स ऑनकॉफी टेबल बुक के साथ मनाया।


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सन 2008 भारत में Thunderbird Twinspark को एक नए Unit Construction Engine (UCE) के साथ लॉंच किया गया. Royal Enfield ने Classic भारत की पहली 500 CC EFI, Euro- III European Market के हिसाब से बनाया.


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सन 2009 में  UCE Engine 500 CC भारत में लॉंच की गई, ये मोटरसाइकल पुरानी मोटरसाइकल के जैसे देखने में थी. इसके Classic look ने भारतीय बाज़ार और यहाँ के युवाओं पर जैसे जादू ही कर दिया। और इसकी बिक्री में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई.       


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सन 2012 में Royal Enfield ने अपनी पहली Highway Cruiser Motorcycle launch की. Thunderbird 500 के नाम से तिरुवोट्टियूर प्लांट 113,000 मोटरसाइकिल की बिक्री को पूरा करने के लिए एक नया उत्पादन रिकॉर्ड स्थापित किया.


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सन 2014 में Royal Enfield ने नई दिल्ली के ख़ान मार्केट में अपना पहला Accessories का Retail Outlet खोला  जिसको काफी सराहा गया इसके ग्राहकों के द्वारा.


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सन 2015 Royal Enfield अपनी गुणवत्ता और अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक प्रसिद्ध ब्रिटिश मोटरसाइकिल डिजाइन और फैब्रिकेशन फर्म हैरिस परफॉर्मेंस का अधिग्रहण किया था.

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सन 2016 Royal Enfield ने अपनी पहली Adventure Bike को launch किया, और इसका नाम रखा गया Royal Enfield Himalayan. 411CC के Engine के साथ इस Bike की सवारी उन लोगों को ख़ासी पसंद आई जो की रोमांच के शौकीन थे. इस की सवारी सड़कों और बिना सड़कों के आसानी से की जा सकती थी इसका Ruff Tuff लूक भी गज़ब की कशिश लिए हुए था. 

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सन 2017 ब्रिटेन में लीसेस्टर के पास ब्रिंगथोरपे प्रोविंग ग्राउंड में रॉयल एनफील्ड टेक्नोलॉजी सेंटर की शुरुवात की गई थी, यहाँ 100 से ज़्यादा इंजीनियरों, डिजाइनरों और परीक्षकों की एक टीम अनुसंधान, विकास और दीर्घकालिक उत्पाद रणनीति पर काम करना शुरू किया.


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सन 2018 Royal Enfield Classic 500 Pegasus को Imperial War Museum डक्सफोर्ड, यूके में launch किया गया था भारतीय बाजार में 250 मशीनों का आवंटन 3 मिनट के भीतर होता है.


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सन 2018 में कैलिफोर्निया की 18 वर्षीय रेसर केला रीवा, बोनविले साल्ट्स फ्लैट्स में स्पीड वीक के दौरान 157.053 मील प्रति घंटे की स्पीड से एक नया लैंड रिकॉर्ड बनाती हैं। उसकी बाइक, एक कॉन्टिनेंटल जीटी 650 ट्विन, विशेष रूप से एस एंड एस साइकिल इंजन ट्यूनिंग के साथ बोनविले के लिए तैयार की गई थी.



Royal Enfield की Bikes जो भारत में उपलब्द्ध है

1. Royal EnfieldContinental GT 650
  
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2. Royal Enfield Bullet

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3. Thunderbird 


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4. Inerceptor


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5. Royal Enfield Classic 


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6. Royal Enfield Himalayan


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Royal Enfield Advertisement 

Video Courtesy - RushLane

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